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मूड ऑफ द नेशनः घट जाएगी NDA की वोटों की शेयरिंग, UPA से सिर्फ 4% का अंतर

इंडिया टुडे के सर्वे के अनुसार, अगर आज आम चुनाव कराए जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ेगी, लेकिन एनडीए के बहुमत में गिरावट आ सकती है.

मूड ऑफ द नेशन मूड ऑफ द नेशन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 12:06 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) 2019 में सत्ता बचाए रखने में कामयाब रहेगी, हालांकि इस बार यह बहुमत के आंकड़े से बहुत ज्यादा दूर नहीं रहेगा. साथ ही एनडीए और यूपीए के बीच वोटों के शेयरिंग में ज्यादा अंतर नहीं रहेगा.

इंडिया टुडे के मूड ऑफ द नेशन जुलाई 2018 पोल (MOTN, जुलाई 2018) के अनुसार, कांग्रेस की अगुवाई वाली यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलाइंस (यूपीए) मोदी और शाह की जोड़ी को नई दिल्ली से दूर कर पाने में नाकाम रहेगी. मोदी फिर से सत्ता पर काबिज हो जाएंगे, हालांकि पिछली बार की तुलना में विपक्षी गठबंधन मजबूत होकर उभरेगा.

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यह सर्वे 97 संसदीय क्षेत्रों और 197 विधानसभा क्षेत्रों के 12,100 लोगों के बीच कराया गया. सर्वे 18 जुलाई 2018 से लेकर 29 जुलाई 2018 के बीच कराया गया था.

MOTN, जुलाई 2018 सर्वे के अनुसार, यूपीए को MOTN, जनवरी 2018 सर्वे की तुलना में सीट-साझा करने के पूर्वानुमान के आधार पर 20 सीटों का इजाफा होता दिख रहा है.

साल में 2 बार होने वाले पोल के अनुसार, एनडीए लोकसभा चुनाव में 543 सदस्यीय लोकसभा में 281 सीटों के साथ करीब-करीब आधे पर रह सकती है. वहीं यूपीए के खाते में 122 सीटें जा सकती हैं, जबकि अन्य सहयोगी दलों के खाते में शेष 140 सीटें आने की उम्मीद है.

वोट शेयर के आधार पर एनडीए के खाते में 36 फीसदी और यूपीए के खाते में 31 फीसदी वोट आने की संभावना है. हालांकि इस बार इसमें 4 फीसदी वोटों की गिरावट दिख रही है जो कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए के पक्ष में जाता दिख रहा है.

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यह सर्वेक्षण वर्तमान राजनीतिक हालात पर आधारित है. एनडीए को इस आंकड़े को बनाए रखने के लिए नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) को अपने साथ बनाए रखना होगा. दूसरी तरफ अगर जनता दल (सेकुलर) सभी को चौंकाते हुए यूपीए से बाहर हो जाए या फिर तेलुगू देशम पार्टी (टीडीएम) और जम्मू-कश्मीर की पीडीपी किसी न किसी राष्ट्रीय गठबंधन से जुड़ जाए.

बीजेपी बनाम कांग्रेस

मूड ऑफ द नेशन जुलाई 2018 पोल (MOTN, जुलाई 2018) की सबसे खास बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लोकसभा में अपनी मजबूत स्थिति खोती नजर आ रही है. सर्वेक्षण के अनुसार, बीजेपी 2014 की तरह अगले लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करती नहीं दिख रही है. 2014 में 282 सीटों की तुलना में बीजेपी के खाते में महज 245 सीटें आने की संभावना है.

ऐसी सूरत में बीजेपी को अपने सहयोगी दलों पर निर्भर रहना पड़ेगा. दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए यह चुनाव शानदार साबित हो सकता है क्योंकि 2014 की तुलना में उसकी सीट लगभग दोगुनी होने वाली है. इस बार उसके खाते में 83 सीट आ सकती है.

बीजेपी (245) और कांग्रेस (83) के अलावा अन्य के खाते में 215 सीटें आ सकती हैं.

अगला प्रधानमंत्री कौन?

सर्वेक्षण के अनुसार, मूड ऑफ द नेशन जुलाई 2018 पोल (एमओटीएन जुलाई 2018) के अनुसार नरेंद्र मोदी की छवि और मजबूत होकर सामने आएगी. देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में वही सबसे पसंदीदा नेता के मामले में अन्य सभी से बेहद आगे होंगे.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की 27 फीसदी की तुलना में मोदी की लोकप्रियता 49 फीसदी है. इन दोनों नेताओं में लोकप्रियता के ग्राफ में दोहरे का अंतर है. इन दोनों नेता के अलावा तीसरी पसंद प्रियंका गांधी हैं जिन्हें महज 3 फीसदी वोट मिले हैं. मोदी के बाद राहुल ही प्रधानमंत्री के रूप में दूसरे सक्षम नेता के रूप में बने हुए हैं.

सबसे बड़ा सिरदर्द

बेरोजगारी, बढ़ती कीमतें और भ्रष्टाचार भारतीय जनमानस में यह 3 सबसे बड़े मुद्दे हैं. वास्तव में यही 3 बड़े मामले मूड ऑफ द नेशन जनवरी 2018 पोल से और मजबूत हुए हैं. बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है जिसे 34 फीसदी वोट मिले. यह पिछले सर्वेक्षण की तुलना में 5 फीसदी ज्यादा है.

ममता सबसे सशक्त नेता

बंगाल की फायरब्रांड नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मूड ऑफ द नेशन जुलाई 2018 पोल में बेस्ट मुख्यमंत्री का पुरस्कार जीता है. उनसे पीछे नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल हैं. मनोहर पर्रिकर, विजय रुपाणी, मनोहर लाल खट्टर, देवेंद्र फड़णवीस और कैप्टन अमरिंदर सिंह भी सर्वेक्षण में कम के कम 2 फीसदी लोकप्रियता का वोट हासिल किया है.

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