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दोबारा आए विनाशकारी भूकंप के झटकों से नेपाल के बाद सबसे ज्यादा तबाही बिहार में हुई है. बिहार के विभिन्न जिलों में भूकंप के कारण अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 156 लोगों के घायल होने की सूचना है. तबाही को देखते हुए एनडीआरएफ की 4 टीमें प्रभावित जिलों में भेजी गई हैं.
जमीन के नीचे हलचल तो नेपाल के लामजुंग में हुई लेकिन असर नेपाल ही नहीं, हिंदुस्तान के बड़े हिस्से में दिखा. नेपाल से सटे बिहार में सबसे ज्यादा इस भूकंप की मार पड़ी. जब तक लोग कुछ समझ पाते, तब तक कुदरत अपना क्रोध दिखा चुकी थी.
पांव तले जमीन हिली, तो अफरातफरी मच गई. खौफ ऐसा बना कि लोग अपने घरों से निकल आए. लोगों ने ऊंची इमारतों से दूरी बना ली. पटना में भूकंप के दौरान अफरातफरी मची रही. घर और बिजली के खंभों को हिलते देख लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर कहां जाएं. कई लोग बदहवासी में भाग कर गांधी मैदान और ईको पार्क पहुंच गए.
ये जिलें हैं ज्यादा प्रभावित
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव सुनील कुमार ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में भूकंप से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 42 पहुंच गयी है और 156 अन्य व्यक्ति जख्मी हो गए हैं. भूकंप के कारण पूर्वी चंपारण जिले में सबसे अधिक आठ, सीतामढ़ी और दरभंगा में छह-छह, सीवान, लखीसराय और अररिया जिलों में तीन-तीन लोगों की मौत हुई है.
भूकंप के कारण सुपौल, सहरसा, शिवहर, सारण, मधुबनी जिलों में 2-2 और कटिहार, पश्चिम चंपारण, गया जिले एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी है. इस आपदा के कारण बिहार में घायल हुए 156 लोगों में दरभंगा में सबसे अधिक 49, पश्चिम चंपारण 21, सीतामढ़ी में 18, मुंगेर में 13 और मधुबनी में 12 लोग घायल हो गए हैं.
बिहार में भूकंप के कारण पूर्वी चंपारण जिले में 9, सहरसा में 7, नालंदा में 6, वैशाली में 5, भोजपुर में 4, कटिहार 3, अररिया, किशनगंज, सारण जिलों में 2-2, पटना, शिवहर और गया में एक-एक व्यक्ति घायल हो गए हैं.
भूकंप के कारण मरने वालों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान के तौर पर 4 लाख रूपये दिए जाने तथा घायलों का इलाज मुफ्त कराए जाने की घोषणा की गई है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव सुनील कुमार ने बताया कि भूकंप के कारण हुई क्षति का आंकलन जिलावार कराया जा रहा है.
>समस्तीपुर में एक बिजली का खंभा गिरने से एक बच्चे की मौत हो गई. बिहार में तबाही को देखते हुए एनडीआरएफ की 4 टीम प्रभावित जिलों में भेजी गई हैं. डीएम और एसपी लगातार लाउडस्पीकर से लोगों को जानकारी दे रहे हैं. थाने को नुकसान की जानकारी लेने के निर्देश दिए गए हैं.
बिहार में कुदरत की दोहरी मार
बिहार पर कुदरत की ये दोहरी मार है. पहले कालबैसाखी काल बनकर टूटा , अब भूकंप आ धमका. अस्पतालों में घायलों की संख्या बढ़ती जा रही है और घरों में ये डर पसरा है कि पता नहीं कब फिर से भूकंप आ जाए.