
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे एक नए विवाद में घिरती नजर आ रही हैं. आरोप है कि पंकजा मुंडे ने जल संरक्षण परियोजनाओं के लिए दो ठेके दिए हैं, जिसमें सरकारी नियमों की अनदेखी की गई है.
चेकडैम के कॉन्ट्रैक्ट में घोटाले का आरोप
पंकजा मुंडे लंदन से लौटीं, तो घोटाले के आरोप दोहरे हो चुके थे. पहला मामला चिक्की की खरीद में 206 करोड़ रुपये की मनमानी के आरोपों का था ही, अब पता चला है पंकजा की तरफ से चेकडैम के कॉन्ट्रैक्ट में भी नियम ताक पर रखे गए. लेकिन पंकजा दोनों मामलों को खारिज कर दिया.
पंकजा के खिलाफ आरोप गंभीर
पंकजा की दलीलों पर घोटालों के दस्तावेज भारी पड़ते दिख रहे हैं. चिकडैम मामले में आरोप है कि उन्होंने अपने पारिवारिक करीबी को कॉन्ट्रैक्ट दिया. आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, पंकजा ने बतौर जल संरक्षण मंत्री अपने परिवार के करीबी रत्नाकर गुट्टे को बांध के 12 ठेके दिए, जबकि कंपनी कॉन्ट्रैक्ट के तय मानदंडो को पूरा नहीं करती. कुल ठेकों की लागत एक करोड़ 63 लाख रुपये का है. ये कॉन्ट्रैक्ट जिस सुनील हाइटेक कंपनी को मिले हैं, उसके दावे को सिंचाई विभाग का पैनल खारिज कर चुका था. कंपनी के आवेदन में भी जरूरी डिजिटल सिग्नेचर नहीं थे. सुनील हाइटेक कंपनी के मालिक रत्नाकर गुट्टे मुंडे परिवार के पुराने नजदीकी हैं. पंकजा की सिफारिश पर गुट्टे ने विधानसभा चुनाव भी लड़ा था.
पंकजा मुंडे अब लंदन से लौटी हैं, तो यह उम्मीद की जा रही है कि वे आरोपों पर साफ-साफ जवाब देकर तथ्य पेश करेंगी. सवाल यह है कि क्या पंकजा आरोपों से बरी होने तक पद से हटेंगी या इसी रूप में विपक्ष का सामना करेंगी?