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दिल्ली लाया गया निरंकारी बाबा का पार्थिव शरीर, 18 मई तक होंगे अंतिम दर्शन

निरंकारी बाबा के अनुयायियों की संख्या को देखते हुए उनका शव 18 मई तक अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.

ब्रजेश मिश्र/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2016,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST

कनाडा में सड़क हादसे में निधन होने के बाद निरंकारी समुदाय के प्रमुख हरदेव सिंह का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह दिल्ली लाया गया. उनका पार्थिव अंतिम दर्शन के लिए बुराडी रोड स्थित ग्राउंड नंबर आठ में रखा जाएगा.

निरंकारी बाबा के अनुयायियों की संख्या को देखते हुए उनका शव 18 मई तक अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. अंतिम यात्रा 18 मई को शुरू होगी और निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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हादसे में एक दामाद की भी मौत
बता दें कि 13 मई को कनाड़ा में एक सड़क हादसे में निरंकारी बाबा गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. हादसे के वक्त निरंकारी बाबा के दामाद सन्नी गाड़ी चला रहे थे. उन्हें भी गंभीर चोटें आईं है और उनका इलाज चल रहा है. जबकि दूसरे दामाद अवनीत सेतिया को अस्पताल में मृत घोषित किया गया.

क्या है निरंकारी समुदाय?
निरंकारी समुदाय की उत्पत्ति पंजाब के उत्तर-पश्चिम में बसे रावलपिंडी से हुई जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. इस समुदाय की स्थापना सहजधारी सिख बाबा दयाल सिंह और एक स्वर्ण व्यापारी ने की थी. ब्रिटिश राज में हालांकि इस समुदाय को दरकिनार कर दिया गया. बाद में 1929 में संत निरंकारी मिशन की स्थापना हुई. वर्तमान में इस समुदाय के करोड़ों अनुयायी भारत से लेकर विदेशों में फैले हैं.

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