
बिहार के जेल में बंद होकर भी बड़े अपराधी अपने आपराधिक मंसूबों को बखूबी अंजाम दे रहे हैं. सिवान जिले में हुई एक पत्रकार की हत्या के मामले में डॉन शहाबुद्दीन का नाम हो या हाल ही में मोतिहारी में बरामद किए गए नेपाली उद्योगपति सुरेश केडिया को किडनैप करने में मोस्ट वांटेड अपराधी बबलू दूबे का नाम. जी हां, नेपाल से लेकर भारत तक चर्चा का विषय बने उद्योगपति केडिया का किडनैप बबलू दूबे नहीं कराया है, जो इस समय जेल में बंद है.
बेतिया के एसपी विनय कुमार ने कहा कि इस केस में किसी तरह के पैसे का लेन-देन नहीं हुआ है. पुलिस की कार्रवाई इतनी तेज थी कि अपहरणकर्ताओं को केडिया परिवार से संपर्क करने का मौका नहीं मिल सका. केडिया का मेडिकल कराकर उन्हें उनके परिवार को सौंप दिया गया है. इस केस में जेल में बंद अपराधी बबलू दूबे का नाम सामने आया है. पुलिस इसकी जांच कर रही है. 2013 में नेपाल पुलिस के सहयोग से पकड़ा गया था, जो 50 हजार का इनामी बदमाश था.
बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर बबलू दूबे को मोतिहारी जेल से बक्सर जेल भेज दिया गया था. उसने जेल में रहते हुए इस घटना को अंजाम दिया है. बबलू पर बिहार में 36 लोगों की हत्या में नामजद, दर्जनों अपहरण और फिरौती के मामले में केस दर्ज है. वह नेपाल की राजधानी काठमांडू के सीतापाईला के एक पॉश कॉलनी में रहकर गिरोह का संचालन किया करता था. बिहार पुलिस के विशेष अनुरोध पर नेपाल पुलिस ने उसको 28 मई 2013 को रात 10 बजे गिरफ्तार किया था.
30 वर्षीय बबलू पूर्वी चम्पारण के मोतिहारी के सिसुवाथान गांव का रहने वाला है. पहली बार नीतीश सरकार बनने पर नेपाल में आकर छिप गया था. नेपाल के कई व्यापारियों से फिरौती और अपहरण के मामले में नेपाल पुलिस को भी उसकी तलाश थी. उसकी गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही बिहार पुलिस उसे लेने नेपाल पहुंच गई थी. लेकिन उसे तत्काल नहीं सौंपा जा सका. गिरफ्तारी के एक हफ्ते बाद 4 जून 2013 को उसे बिहार के रक्सौल में पुलिस के हवाले कर दिया गया.