
जीते जी मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर आनंदपाल सिंह पुलिस और सरकार की नाक में दम किए था. अब पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उसके परिवार और समर्थकों के गुस्से की आग से सरकार तप रही है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह तक को आनंदपाल का एनकाउंटर झुलसा रहा है.
आनंदपाल मौत के बाद भी सरकार के लिए सिरदर्द बना हुआ है. उसके लिए राजपूत समाज आंदोलन और हिंसा पर उतर आया है. करीब 50 हजार से अधिक लोग सड़कों पर तांडव कर रहे हैं. वे लोग आनंदपाल को रॉबिनहुड मानते हैं. अपने समाज का अगुआ समझते हैं. वह धड़कन की तरह उनके दिलों में धड़क रहा है.
राजस्थान में आतंक का दूसरा नाम बन चुका आनंदपाल पुलिसवालों के हाथों मर कर भी पुलिसवालों का शिकार कर रहा है. जिंदा रहते आनंदपाल कई पुलिसवालों को अपनी गोली का निशाना बना चुका था. अब राजस्थान सरकार की नींद हराम कर रखी है. सियासत से निकले इस अपराधी की मौत पर जमकर सियासत हो रही है.
आनंदपाल के परिवार वालों ने पिछले 3 हफ्ते से उसका अंतिम संस्कार नहीं किया है. उसका शव अबतक फ्रीजर में रखा हुआ है. आनंदपाल के एनकाउंटर पर सियासत भी तेज हो चुकी है. परिवार और राजपूत समाज लगातार वसुंधरा राजे सरकार पर साजिश का आरोप लगा रहा है. एनकाउंटर को फर्जी बता रहे हैं.
राजपूत करणी समाज का कहना है कि पहले आनंदपाल के खिलाफ साजिश की गई. उसको फर्जी एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया. सरकार उसके परिवार को इंसाफ दिलाने वालों के खिलाफ साजिश कर रही है. सियासत का ये पहलू सिर्फ राजपूत समाज तक ही नहीं है. कांग्रेस ने भी वसुंधरा सरकार पर निशाना साधा है.
कांग्रेस का कहना है कि सरकार को सीबीआई जांच कराकर दूध का दूध और पानी का पानी साफ करना चाहिए. जाहिर है आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद उसके परिवार के साथ खड़े हज़ारों लोग एक बड़ा वोट बैंक भी हैं. ऐसे में एक गैंगस्टर के एनकाउंटर के बाद से मचे बवाल पर सियासत भी लाज़मी है.
पुलिस की थ्योरी
- पुलिस ने आनंदपाल को 24 जून की आधी रात चुरू में एक मुठभेड़ में मार गिराया था.
- आनंदपाल का सुराग उसके गुर्गे देवेंद्र उर्फ गट्टू से मिला था.
- उसे आनंदपाल के भाई रूपेश उर्फ विक्की के साथ गिरफ्तार किया गया था.
- सुराग मिलने के बाद पुलिसवालों ने आनंदपाल को घेरा. उसने बचने के लिए महिलाओं को ढाल बनाया.
- पुलिसवालों पर एके-47 से करीब 100 राउंड गोलियां भी बरसाईं.
- जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की और आखिरकार 6 गोलियां खाकर आनंदपाल ढेर हो गया.
- एनकाउंटर में एक पुलिस अफसर सूर्यवीर सिंह और कंस्टेबल सोहन सिंह जख्मी भी हुए थे.
अंतिम संस्कार नहीं
आनंदपाल सिंह का परिवार इस थ्योरी पर यकीन नहीं करता. इसलिए सीबीआई जांच की मांग को लेकर आनंदपाल का अबतक अंतिम संस्कार नहीं किया है. पुलिस को अंदेशा है कि अब शोक जताने के नाम पर आनंदपाल के घर कई कुख्यात बदमाश पहुंच रहे हैं. शोक की आड़ में हिंसा की जा रही है.
राजपूतों के सवाल
- जब आनंदपाल खुद फरार था. उसका गुर्गा भी कहीं और था, तो पुलिस को आनंदपाल का सुराग कैसे मिल गया.
- जब आनंदपाल एके-47 से फायरिंग कर रहा था. उसके पास कारतूस भी बचे थे, तो पुलिस आनंदपाल के करीब तक कैसे पहुंच गई.
- पुलिस शीशे के जरिए आनंदपाल पर गोली चलाने की बात करती है. रात के वक्त शीशे में देखकर गोली कैसे चलाई जा सकती है.
- इतनी जबरदस्त मुठभेड़ के बीच पुलिस ने उस घर में शीशा कैसे लगाया.
- घायल पुलिसवाले उसी बिरादरी के क्यों है, जिस बिरादरी का आनंदपाल था.
- एके-47 की गोलियां सामने से लगने के बावजूद पुलिसवाले सिर्फ जख्मी कैसे हुए.
- 4 घंटे से ज्यादा चले एनकाउंटर की खबर राज्य के गृह मंत्री और आईजी को क्यों नहीं थी.
रॉबिनहुड मानते हैं लोग
आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर पर सवाल उठाने वाले उसे रॉबिनहुड मानते हैं. जबकि पुलिस रिक़ॉर्ड में वो इतना कुख्यात गैंगस्टर था कि अदालत को भी एक नहीं 6 बार उसे भगोड़ा घोषित करना पड़ा. एनकाउंटर से करीब डेढ़ साल पहले वो कैद से फरार हो गया था. उसकी तलाश में हजारों पुलिवाले लगे हुए थे.
बोलता था फर्राटेदार अंग्रेजी
सिर पर हैट. आंखों पर चश्मा. चमकदार कोट. इर्द-गिर्द पुलिसवाले. जीते-जी दबंगई से रहने वाला गैंगस्टर आनंदपाल कानून का खासा जानकार लॉ ग्रेजुएट था. फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता था. खुद पर लगे इल्ज़ामों को ये गैंगस्टर हमेशा एक राजनीतिक साजिश बताता था. उसने मीडिया से बात कही थी.
गुनाहों की फेहरिस्त
- आनंदपाल पूर्व मंत्री हरजीरां बुरड़क के बेटे से 2 वोटों से पंचायत चुनाव हारने के बाद साल 2006 में अपराध की दुनिया में आया.
- 2006 में राजस्थान के डीडवाना में जीवनराम गोदारा की गोलियों से भूनकर हत्या की थी.
- गोदारा की हत्या के अलावा आनंदपाल के नाम डीडवाना में ही 13 मामले दर्ज हुए.
- आनंदपाल पर लूट, डकैती, गैंगवार, हत्या जैसे करीब 24 मामले दर्ज थे.
- 8 मामलों में कोर्ट ने आनंदपाल को भगोड़ा घोषित किया हुआ था.
- सीकर की लेडी डॉन अनुराधा चौधरी के साथ मिलकर भी काम किया था.
- सीकर के गोपाल फोगावट हत्याकांड को भी आनंद पाल ने ही अंजाम दिया था.
- जून 2011 में सुजानगढ़ में भोजलाई चौराहे पर सरेआम फायरिंग की, जिसमें 3 लोग जख्मी हुए थे.
- आनंदपाल के गैंग में 100 से ज्यादा बदमाश शामिल थे.
- 3 सितम्बर 2015 को डीडवाना कोर्ट से पेशी से लौटते समय 2 साथियों के साथ फरार हुआ था.
- राजस्थान के कई मंत्री, विधायक और अफसर समेत 21 लोगों को आनंदपाल से खतरा था.