
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुठभेड़ के बाद दो बेहद खतरनाक गैंगस्टर को गिरफ्तार किया है. दोनों गैंगवार के चलते चार लोगों की एक साथ गोलियों से भूनकर हत्या सहित कई मर्डर और फिरौती के केस में मोस्ट वॉन्टेड थे. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इनके पास से यूएस आर्मी में इस्तेमाल होने वाली 9एमएम बोर की टोरस ऑटोमैटिक पिस्टल, .455 बोर की लेजर पिस्टल, .30 बोर की देसी कारबाइन और 66 विदेशी कारतूस बरामद हुई है.
क्राइम ब्रांच के अधिकारी इन बदमाशों से पूछताछ कर रहे हैं. इसमें पता चला है कि एक पिस्टल वियतनाम से मिली है. इनमें एक 9 एमएम की लेजर पिस्टल है, जो रात में टारगेट पर अचूक निशाना लगाती है. ये गन कुछ देशों की स्पेशल फोर्स यूज करती हैं, लेकिन इंडिया में फोर्स और पुलिस के लिए दूर की कौड़ी हैं. जो कारतूस रिकवर हुए हैं, वह भी विदेशी फोर्स यूज करते हैं. ये ‘होलो पॉइंट के कार्ट्रिज’ हैं, जो आर-पार नहीं होते, बल्कि शरीर के भीतर फट जाते हैं.
मुखबिर से मिली थी सूचना
क्राइम ब्रांच के जॉइंट सीपी रवींद्र यादव ने बताया कि गिरफ्तार गैंगस्टर में सबसे ज्यादा कुख्यात हरियाणा के झज्जर का रहने वाला ज्ञानेंद्र उर्फ गड्गू (29) है. उस पर हरियाणा पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम भी रखा है. दूसरा राजीव दहिया उर्फ राजू (39) है, जो कि नरेला का ऐब्सेंट बीसी है. दोनों के बारे में हवलदार सतीश को मुखबिर से सूचना मिली थी. उसके बिनाह डीसीपी राजीव शर्मा के सुपरविजन में एसीपी जितेंद्र सिंह की टीम ने दोनों को दबोच लिया.
नीरज बवानिया के दुश्मन नंबर
दोनों दिल्ली के कुख्यात बदमाश नीरज बवानिया के दुश्मन नंबर-1 बताए जा रहे हैं. नीरज इस समय जेल में है. दोनों उसकी गैंग का सफाया करने के इरादे से बेहद आधुनिक हथियार जमा कर रहे थे. इसके साथ ही दिल्ली-हरियाणा के व्यापारियों से फिरौती भी वसूलते थे. इन पर फिरौती के केस भी दर्ज हैं. नीरज से ज्ञानेंद्र के मामा 'काला' के गैंग की दुश्मनी बहुत पुरानी है, जिसकी कमान अब ज्ञानेंद्र संभाल रहा है. साल 2011 में ज्ञानेंद्र ने नीरज गैंग के 4 लोगों को गोलियों से भून दिया था.
ऐसे गिरफ्त में आए बदमाश
पुलिस के अनुसार दोनों बदमाश हथियारों सहित एक वर्ना कार में सवार थे. उनकी कार को बवाना नहर के एक पुल पर बेरीकेड के जरिए रोका गया. उन्होंने तेजी से ब्रेक लिया और कार पीछे करके भागने लगे. लेकिन पीछे पुलिस की गाड़ी लगी थी. घिरने पर दोनों बदमाश बाहर निकले और फायर कर दिए. हवलदार सतीश बाल-बाल बचे. तभी कुछ पुलिस कर्मियों ने दोनों को काबू कर लिया. ज्ञानेंद्र मर्डर और फिरौती के छह केसों में वॉन्टेड था. वह रोहतक की एमडी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट है.