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चार साल पहले इराक के मोसुल में लापता हुए 39 भारतीय मारे गए हैं. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा दी गई इस जानकारी पर कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वो लगातार इस मुद्दे को राज्यसभा में उठाते रहे हैं. प्रताप सिंह बाजवा ने आजतक से बातचीत में कहा, 'देर आए दुरुस्त आए', मैंने आज से कुछ महीने पहले संसद में यह बात कही थी कि सुषमा जी आपको भी यह असलियत पता है कि सभी भारतीय मारे गए हैं.
मैंने सुषमा स्वराज से कहा था कि आप इंडियन एंबेसी के स्टैंड के आधार पर ये बात कह रही हैं लेकिन पार्लियामेंट और देश को मिस लीड ना करें. अब कुछ महीनों के बाद सरकार ने इस बात को स्वीकार किया है कि सभी भारतीय मारे गए. मारे गए 39 लोगों में से 31 लोग पंजाब के हैं. उन्होंने कहा कि मैं मोदी सरकार से यह मांग करता हूं कि इनके परिवारवालों को मुआवजा दिया जाए. यह गरीब लोग कचहरी में भटकते रहे और कई बार विदेश मंत्री के घर भी गए जहां इनका काफी खर्चा हुआ.
मारें गए 39 लोगों के परिवार के लिए दुख की घड़ी है इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि उनके परिवार को मुआवजा दिया जाना चाहिए. मुआवजा देने से इनके परिवार की कुछ दिक्कतें कम होंगी. सरकार ने जानकारी दी है कि इनको डीप पेनिट्रेशन रडार के जरिए ढूंढ निकल गया है. इसके लिए बड़ी जद्दोजहद की गई है, इसको लेकर हमें काफी अफसोस है लेकिन सरकार ने हमारे ऊपर कोई अहसान नहीं किया है. मारे गए सभी लोग हिंदुस्तानी हैं और सरकार ने कोई अहसान नहीं किया है यह सरकार का फर्ज बनता है.
उन्होंने कहा कि यह अकेले सुषमा स्वराज या मोदी सरकार ने नहीं किया है. सरकार का काम यही होता है कि लोगों की सहूलियत के लिए काम किया जाए, लेकिन हम इस बात की सराहना करते हैं कि सरकार ने इनके बारे में जानकारी हासिल की लेकिन उन्हें इस पर कोई राजनीतिक लाभ हासिल नहीं करना चाहिए.