Advertisement

एक देश चार चालान रेट, कई राज्यों में ट्रैफिक पुलिस भी है कन्फ्यूज

केंद्र सरकार की ओर से तय ट्रैफिक जुर्माने की दरों को हुबहू लागू करने से कई राज्यों ने हाथ खड़े कर दिए हैं. इसमें बीजेपी शासित राज्य भी शामिल हैं. गुजरात और उत्तराखंड ने तो केंद्र सरकार की ओर से तय दरें घटा दी हैं. उधर उहापोह की स्थिति में अधिसूचना जारी न होने के कारण अधिकांश राज्यों में पुराने रेट से जुर्माना वसूला जा रहा है.

दिल्ली में बाइक चालक को रोकती ट्रैफिक पुलिस (फोटो-PTI) दिल्ली में बाइक चालक को रोकती ट्रैफिक पुलिस (फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:40 PM IST

  • केंद्र सरकार की जुर्माना दरों का राज्य कर रहे विरोध
  • बीजेपी शासित गुजरात और उत्तराखंड ने दरें घटाईं
  • कई राज्यों ने जारी नहीं की अधिसूचना

मोदी सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट, 2019 कानून बनाकर यातायात नियमों को तोड़ने वालों से मोटा जुर्माना वसूलने की व्यवस्था की है. लेकिन जुर्माने की ऊंची दरों को लेकर राज्यों के अंदर से नाराजगी की आवाज उठने लगी है. अब तक किसी राज्य ने केंद्र सरकार के प्रावधानों को हुबहू लागू करने का कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी किया. अधिसूचना के अभाव में अधिकांश राज्यों में पुराने रेट पर ही चालान कट रहे हैं. वहीं दिल्ली, हरियाणा में राज्य सरकार की अधिसूचना के बगैर जहां नए रेट पर ट्रैफिक पुलिस चालान काट भी रही है तो सीधे मामला कोर्ट में जाता है.

Advertisement

राज्यों से उठे विरोध के सुर

खास बात है कि केंद्र सरकार की ओर से तय दरें अपने यहां लागू करने से बीजेपी शासित राज्यों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. गुजरात ने तो केंद्र सरकार की ओर से लागू जुर्माने की दरें घटा भी दी हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दरों को कम करने के लिए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भी लिखा है. उधर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कह दिया है कि राज्य अपने हिसाब से फैसले ले सकते हैं. हैं. विरोध करने वाले राज्यों का कहना है कि अधिक जुर्माना आम आदमी बर्दाश्त नहीं कर सकता. एक सितंबर से केंद्र सरकार ने नई दरें लागू की हैं.

कानून के जानकारों का कहना है कि बगैर राज्यों की अधिसूचना के जुर्माना लेना अवैध है. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विराग गुप्ता के मुताबिक केंद्र और राज्य के बीच गतिरोध खड़ा होने से संवैधानिक संकट की स्थिति पैदा हो रही है. गाजियाबाद के सीओ, ट्रैफिक महिपाल सिंह का कहना है कि अभी लिखा-पढ़ी में शासन से कुछ नहीं आया है. ऐसे में पुराने रेट से ही जुर्माना वसूला जा रहा है. केंद्र और राज्यों के बीच जुर्माना रेट पर जारी गतिरोध से राज्यों की ट्रैफिक पुलिस कन्फ्यूज है.

Advertisement

ये हैं नई दरें

केंद्र सरकार की ओर से कुल 63 तरह के मामलों में जुर्माने की नई दरें तय की गईं हैं. यह व्यवस्था मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट, 2019 में तय हैं. नई दरों के मुताबिक बिना पंजीकरण के टू व्हीलर चलाते पहली बार पाए जाने पर पांच हजार और दूसरी बार दस हजार जुर्माना देना पड़ेगा. रॉन्ग साइड ड्राइविंग करने पर पहली और दूसरी गलती पर पांच हजार और दस हजार जुर्माना लगेगा. पहले यह धनराशि एक हजार रुपये थी.

इसी तरह बिना हेलमेट के दो पहिया चलाने पर एक हजार रुपये देना पड़ेगा. पहले इसके लिए सौ रुपये देने पड़ते थे. बाइक पर तीन सवारी होने पर सौ की जगह एक हजार रुपये जुर्माने की व्यवस्था है. इसी तरह एंबुलेंस, अग्निशमन वाहनों को रास्ता न देने पर अब दस हजार जुर्माने की व्यवस्था है, जबकि पहले यह धनराशि सिर्फ सौ रुपये थी.

चालान के अलग-अलग रेट

नए कानून पर असमंजस के चलते अब चार तरह के चालान की स्थिति बन गई है. एक तरफ केंद्र सरकारी नई दरें हैं, दूसरी तरफ गुजरात की दरें हैं, तीसरी तरफ उत्तराखंड की दरें और चौथी तरफ पुरानी दरें हैं. मिसाल के तौर पर अगर नए कानून के तहत बगैर ड्राइविंग लाइसेंस के किसी का चालान कटता है तो उसे पांच हजार रुपये देना पड़ेगा. वहीं जिन राज्यों में नई दरें लागू नहीं हुई हैं, वहां पर पांच सौ रुपये देना पड़ेगा.

Advertisement

गुजरात में दो पहिया चालकों के लिए दो हजार और अन्य वाहनों के लिए तीन हजार रुपये की पेनाल्टी लगेगी जबकि उत्तराखंड में  2500 रुपये देने पड़ेंगे. दरअसल, उत्तराखंड में बिना डीएल के गाड़ी चलाने पर फाइन 5000 की जगह 2500 रुपये कर दिया गया है. केंद्र ने लाइसेंस रद्द होने पर गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति से 10,000 जुर्माना वसूलने की व्यवस्था की है, जबकि उत्तराखंड में इसके लिए सिर्फ 5000 रुपये जुर्माना देगा होगा.

फायर ब्रिगेड की गाड़ी या ऐंबुलेंस को रास्ता न देने पर केंद्र ने 10,000 रुपये का जुर्माना रखा है. उत्तराखंड सरकार ने जहां इसे पांच हजार कर दिया है, वहीं पर राज्य सरकार ने इसे मात्र एक हजार कर दिया है.

इन राज्यों ने नहीं लागू की दर

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश जैसे बीजेपी शासित राज्यों ने भी केंद्र सरकार की नई जुर्माना दरों को लेकर अधिसूचना जारी नहीं की है. इसी तरह मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. जबकि दिल्ली, तेलंगाना, केरल, केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी आदि राज्यों ने केंद्र सरकार की दरों के अध्ययन व पहले जागरूकता फैलाने के बाद ही नई दरों पर फैसला लेने की बात कही है.  

मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि कमेटी नए एक्ट की जुर्माना दरों का अध्ययन करने के बाद ही फैसला लेगी. वहीं, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी नए रेट को अभी लागू नहीं करने का फैसला लिया है. ओडिशा सरकार ने प्रदूषण सर्टिफिकेट आदि से जुड़ी जुर्माने की दरों में कुछ राहत दी है.

Advertisement

गुजरात और उत्तराखंड में संशोधित दरें

गुजरात ने केंद्र सरकार की ओर से तय ट्रैफिक जुर्माने की दरें घटा दी हैं. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि राज्य का इरादा जनता का आर्थिक उत्पीड़न करना नहीं है. गुजरात में संशोधित दरों के मुताबिक एम्बुलेंस का रास्ता रोकने पर 10 हजार की जगह 1 हजार, बाइक पर तीन सवारी पर 1 हजार की जगह 100 रुपये, बिना रजिस्ट्रेशन की बाइक पर 5 हजार की जगह सिर्फ एक हजार रुपये जुर्माने की व्यवस्था है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में दरें घटाई हैं. उत्तराखंड में बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर 5000 की जगह 2500 रुपये का जुर्माना देना होगा.

गुजरात में ये दर

 अपराध       केंद्र सरकार की दर     नई दर

बिना हेलमेट  1000                         500

बिना डीएल    5000                   2000-3000

रांग साइड   5000                     1500-4000

ओवर स्पीडिंग 2000                   1500

कार एवं अन्य प्रदूषण 10000        3000

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement