Advertisement

Movie Review: रंग दे बसंती की फूहड़ नकल में मारी गई फगली

फिल्म फगली के जरिए एक्टर कबीर सदानंद ने बतौर डायरेक्टर डेब्यू किया है. मगर कहानी के मामले में वह चूक कर गए. पहले हाफ में तो फिल्म फिर भी कुछ ठीक लगती है और युवाओं की मस्ती और गाने के सहारे कट जाती है, मगर दूसरे हाफ में ये जो खिंचती है तो फिर ऊब की हद तक खिंच जाती है.

FUGLY FUGLY
सौरभ द्विवेदी
  • नई दिल्‍ली,
  • 13 जून 2014,
  • अपडेटेड 5:09 PM IST

फिल्म रिव्यूः फगली
एक्टरः मोहित मारवाह, जिमी शेरगिल, कियारा आडवाणी, विजेंदर सिंह, अरफी लांबा, अंशुमन झा
डायरेक्टरः कबीर सदानंद
ड्यूरेशनः 2 घंटे 15 मिनट
रेटिंगः 5 में 1.5 स्टार

चार दोस्त हैं. गौरव, देवी, देव और आदी. गौरव बॉक्सर है और उसका बाप अहलावत बाहुबली मंत्री. देव एडवेंचर कैंप का बिजनेस शुरू करना चाहता है. आतंकवादियों से लड़कर शहीद हुए फौजी अफसर की बेटी देवी अपनी मां के घरेलू उद्योग में मदद करती है. आदी को सब हग्गू बोलते हैं और उसके बनिया बाप का कमोड का धंधा है.

Advertisement

यानी स्टेज सेट है. फुल्टू मस्ती के लिए. और जहां गरारी फंस जाए. वहां गौरव के बाप का नाम काम आ जाता है. मगर देवी के एक लोचे को सॉल्व करने के फेर में ये टकर जाते हैं एक शराबी, अय्याश और शिव के उपासक जाट पुलिस अफसर चौटाला से. फिर चौटाला इन्हें तिनगी का नाच नचाता है और ये हालात के फेर में कभी कत्थक तो कभी डिस्को भांगड़ा करते हैं. आखिर में सबकी आत्मा जागती है. सिस्टम करप्ट है और उसे बदलने के लिए ये लोग कुछ बहुत क्रांतिकारी प्लान करते हैं. ताकि देश की फगली सूरत कुछ साफ हो सके.

फिल्म की कहानी बेहद कमजोर और कन्फ्यूज्ड है. जो युवा रात में शराब पीकर दूसरे देशों का झंडा उखाड़ते और ठुल्लों को गरियाते फिरते हैं, वे खुद पर पड़ती है तो सिस्टम साफ करने निकल पड़ते हैं. और उसका जो रास्ता चुनते हैं, वह भी बेहद बचकाना. मीडिया को बेहद हास्यास्पद ढंग से पेश किया गया है. एक्सक्लूसिव बाइट के फेर में एक जर्नलिस्ट बर्निंग यूनिट में पहुंच जाती है और डॉक्टर उसकी मदद भी करते हैं. फिर वहीं से लाइव हलफनामा शुरू हो जाता है. उधर विधायक हैं, जो जश्न मनाने के लिए सामने सामने फायरिंग शुरू कर देते हैं और उन्हें ये भी नहीं सूझता कि पुलिस वाला आ रहा है. मतलब, कहानी बनाने के लिए चुन चुनकर थके हुए आइटम नए वर्क में पेश किए गए हैं. अंग्रेजी का शब्द क्लीशे. मेरे बगल में बैठी मोहतरमा बार बार दोहरा रही थीं और सही दोहरा रही थीं इस फिल्म को देखकर.

Advertisement

हग्गू के सामने घूंघट वाली लड़की. मगर घरवालों के जाते ही लड़की घूंघट फेंक मॉर्डन बन जाती है और सिगरेट मांगने लगती है. हग्गू भी उसके सीने पर घूरने लगता है. एडवेंचर कैंप में वही मस्ती के नाम पर चांद सितारों की बातें. बीच में कुछ उदासी और एक फलसफा. देसी नाच के नाम पर कुछ कुछ होता है कि जूनियर अंजलि और अब सीनियर हो चुकी एक्ट्रेस सना सईद का एक फुफकारता कराहता आइटम सॉन्ग.

फिल्म का ट्रेलर, ज्यादातर गाने, रैप और कुछ एक हरियाणवी स्टाइल के डायलॉग्स देखकर लग रहा था कि फिल्म यूथ को बहुत पसंद आएगी. मगर कचरा कहानी और आखिर में हर बदमाशी को एक मकसद और शहाहत का रंग देने के फेर में सब छीछालेदर हो जाती है.

फिल्म से तीन लोगों ने डेब्यू किया है. मोहित मारवाह, कियारा और विजेंदर. मोहित मारवाह क्यूट लगे हैं और उनका बिल्ट भी अच्छा है. डांस भी ठीक ठाक कर लेते हैं. और फिर उनके पास बड़े कपूर-मारवाह परिवार का बैकअप भी है. तो उनके लिए राह आगे खुली है. कियारा भी पहली फिल्म के हिसाब से बहुत निराश नहीं करतीं. विजेंदर ज्यादातर शॉट्स में फ्लैट फेस लिए खड़े रहते हैं. कह सकते हैं कि ड्राई ह्यूमर के लिए ऐसा करना जरूरी है. पर जहां एक्टिंग या डांस की जरूरत थी, वहां भी विजेंदर बस हवा में मुक्का लहराते ही दिखते हैं. तो बेहतर होगा कि अच्छे लुक्स और पंच वाले विजेंदर मॉडलिंग और बॉक्सिंग ही करें. एक्टिंग की रिंग उनके बस की बात नहीं. जिमी शेरगिल साहब बीवी गैंगस्टर और उसी तरह की कई फिल्मों में इस तरह के रोल कर चुके हैं. उनके लिए करने को बहुत कुछ था नहीं. चीनी के रोल में अंशुमन झा एक बार फिर अपनी एक्टिंग की रेंज और तैयारी का परिचय देते हैं. मगर उनके हिस्से ज्यादा काम नहीं आया.

Advertisement

फिल्म फगली के जरिए एक्टर कबीर सदानंद ने बतौर डायरेक्टर डेब्यू किया है. उन्होंने हिट डेब्यू के कई जरूरी एलिमेंट जुटाए. मगर कहानी के मामले में वह चूक कर गए. पहले हाफ में तो फिल्म फिर भी कुछ ठीक लगती है और युवाओं की मस्ती और गाने के सहारे कट जाती है, मगर दूसरे हाफ में ये जो खिंचती है तो फिर ऊब की हद तक खिंच जाती है.

फिल्म फगली के गाने हिट हैं और उन्हें सुनने के लिए जाहिर है कि सिनेमाहॉल जाने की जरूरत नहीं. अगर हरियाणवी ह्यूमर, यूथ अपील और यंग फेस के डाई हार्ड फैन हैं, तभी इस फिल्म को देखने जाएं. वरना घर पर रहकर ही पूछें. ये फगली फगली क्या है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement