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MP चुनाव: सतना में BJP का कब्जा, फिर ब्राह्मणों के बीच होगी सियासी जंग?

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में सतना सीट पर लड़ाई दो ब्राह्मणों के बीच थी. बीजेपी की ओर से शंकरलाल तिवारी तो कांग्रेस की ओर से राजाराम त्रिपाठी मैदान में थे. आखिर में बीजेपी को इस सीट पर 15332 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल हुई थी.

बीजेपी विधायक शंकरलाल तिवारी बीजेपी विधायक शंकरलाल तिवारी
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 7:49 AM IST

मध्य प्रदेश की सतना विधनासभा सीट पर पिछले तीन चुनावों से बीजेपी का कब्जा है लेकिन इस बार के चुनाव में पार्टी को सत्ताविरोधी लहर के साथ-साथ आतंरिक कलह का सामना करना पड़ सकता है. यहां से बीजेपी विधायक शंकरलाल तिवारी के सामने तो अपनी टिकट बचाने तक की चुनौती है.

सतना एक बड़ी विधानसभा है और करीब ढाई लाख लोग यहां अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने वाले हैं. ब्राह्मण और व्यापारी वर्ग की बड़ी आबादी वाले इस क्षेत्र में बीजेपी को फायदा होता आया है और फिर से पार्टी जीतने जुगत में होगी. वहीं कांग्रेस इस सीट के लिए जीतोड़ संघर्ष करने के लिए तैयार है और यही वजह है कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी 27-28 सितंबर को इस क्षेत्र का दौरा करने वाले हैं.

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2013 चुनाव के नतीजे

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में सतना सीट पर लड़ाई दो ब्राह्मणों के बीच थी. बीजेपी की ओर से शंकरलाल तिवारी तो कांग्रेस की ओर से राजाराम त्रिपाठी मैदान में थे. आखिर में बीजेपी को इस सीट पर 15332 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल हुई थी. सवर्णों की लड़ाई से बीएसपी को फायदा पहुंचा और पिछले चुनाव में मायावती की पार्टी को भी 21 फीसदी वोट मिले. इस सीट पर समाजवादी पार्टी और अपना दल समेत करीब 22 दलों ने चुनाव लड़ा था और 2018 के चुनाव में भी ऐसा ही मुकाबला देखने को मिलेगा.

2008 चुनाव के नतीजे

सतना सीट पर 2008 के विधानसभा चुनाव में हिन्दू-मुस्लिम कार्ड खेला गया. इस चुनाव में बीजेपी के शंकरलाल तिवारी के खिलाफ कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशी सईद अहमद को मैदान में उतारा था. हालांकि ये दांव भी काम न आया और कांग्रेस यह सीट 10800 वोटों के अंतर से हार गई थी. बीएसपी को इस चुनाव में 19 फीसदी वोट मिले और वह तीसरे स्थान की पार्टी रही. 2008 के चुनाव में 25 उम्मीदवारों ने अपने किस्मत दांव पर लगाई थी.

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मध्यप्रदेश की ज्यादातर सीटों पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. यहां 2003 से बीजेपी की सरकार है और इससे पहले 10 साल तक कांग्रेस ने राज किया था. 2013 के विधानसभा चुनाव में कुल 230 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 165 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. कांग्रेस 58 सीटों तक सिमट गई थी. जबकि बसपा ने 4 और अन्य ने 3 सीटों पर जीत हासिल की थी.

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