
आठ साल तक वो दिन भर अपनी दुकान पर बैठ कर लोगों के कपड़े सिलता रहा. सिलाई की उसकी हुनर और उसके हंसमुख मिज़ाज की वजह से सभी उसे पसंद करते थे. मगर रात होते ही अचानक वो दर्ज़ी से क़साई बन जाता. दिन में लोगों के कपड़े सिलने वाला रात को लोगों को कफन पहनाने निकल पड़ता. अब तक 33 कत्ल करने की बात वो खुद मान चुका है. बाकी की गिनती जैसे-जैसे याद आ रही है. बताता जा रहा है. जी हां, भोपाल से बाहर आई ये खबर देश के सबसे नए सीरियल किलर की है.
सबसे बड़ा कातिल
कई लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले कातिलों की जमात का सबसे नया और बड़ा सीरियल किलर पकड़ा गया है. एक ऐसा सीरियल किलर जो दिन में लोगों के कपड़े सिलता था और रात को लोगों के कफन तैयार करता. जी हां, पेशे से दर्ज़ी मगर असल में सीरियल किलर. एक ऐसा सीरियल किलर जो कत्ल की 33 तक की गिनती तो अभी सुना रहा है. पर गिनती आगे कहां तक जाएगी किसी को नहीं पता. तो आइए मिलिए देश के इस सबसे नए सीरियल किलर से. नाम है आदेश खमारा. वो मध्य प्रदेश के भोपाल में रहता है. उस पर इलज़ाम है 33 लोगों के क़त्ल का.
कत्ल के बाद फिर कत्ल
2010 में अचानक उत्तर भारत के कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों और क्लीनरों के क़त्ल की खबरें आती हैं. एमपी, यूपी, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में आए दिन लावारिस लाशें बरामद होने लगीं. मगर क़त्ल की इन सभी वारदातों में एक चीज समान थी. जिसकी भी हत्या की गई वो सभी ट्रक ड्राइवर थे या उनके सहयोगी. क़त्ल पर कत्ल हुए जा रहे थे और पुलिस के हाथ खाली थे. चूंकि ज़्यादातर हाईवे पर सीसीटीवी नहीं लगे होते हैं, इसलिए पुलिस को कातिल का सुराग भी नहीं मिल पा रहा था.
ऐसे मिला कातिल का सुराग
2010 से शुरू हुआ कत्ल का ये सिलसिल अगले आठ सालों तक जारी रहता है. लाशें मिलती रहती हैं. कातिल गायब रहता है. मगर फिर तभी हाल ही में भोपाल के नज़दीक बिलखिरिया इलाके में फिर एक ट्रक ड्राइवर की लाश मिलती है. मगर इस बार लाश के साथ-साथ पुलिस को कातिल का सुराग भी मिल जाता है.
सीरियल किलिंग के पीछे पूरा गैंग
दरअसल पहली बार मौका-ए-वारदात से पुलिस को एक संदिग्ध मिलता है. उसे पकड़ कर जब पूछताछ होती है तो पता चलता है कि इस सीरियल किलिंग के पीछे पूरी एक गैंग है. उस गैंग का सरगना कोई और नहीं बल्कि भोपाल का एक दर्ज़ी है. दर्जी आदेश खमारा. आदेश की भोपाल के बाहरी इलाके में एक छोटी सी टेलर की दुकान थी. जहां दिन में वो सिलाई मशीन पर कपड़े सिलता और रात के वक्त लोगों को कफन पहनाता.
2010 में किया था पहला कत्ल
सीरियल किलर आदेश ने 2010 में पहली हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. सबसे पहले उसने महाराष्ट्र के अमरावती और फिर नासिक में ड्राइवर और क्लीनर का कत्ल किया. इसके बाद तो लाशों के मिलने का सिलसिला ही चल पड़ा. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी कई शव बरामद हुए.
दर्जी समेत 9 गिरफ्तार
ये दर्ज़ी इन सीरियल किलिंग का मास्टर माइंड तो था मगर इस वारदात में कई और लोग भी शामिल थे. पुलिस अब तक ऐसे नौ लोगों को पकड़ चुकी है. मगर जब-जब दर्जी मुंह खोलता है लाशों की गिनती बढती जाती है. भोपाल पुलिस के मुताबिक आदेश को पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर के एक जंगल से पकड़ा गया था. इसके बाद उसने पहले 15, फिर 25 फिर 30 लोगों के कत्ल करने की बात कही. मगर फिर एक सुबह खुद ही पुलिस से कहता है कि तीन और कत्ल की कहानी उसे याद आ गई है. इसके बाद वो गिनती 33 तक ले जाता है.
पुलिस को मिले सारे जवाब
अब ज़ाहिर है पुलिस को ये जानना था कि एक दर्जी सीरियल किलर क्यों बन गया? क्यों वो सिर्फ ट्राक ड्राइवर और क्लीनर की ही जान लेता था? वो उन्हें किस तरह मारता था? और आठ साल तक कभी वो पुलिस की नजर में क्यों नहीं आया? तो सीरियल किलर दर्जी ने कत्ल की गिनती के साथ-साथ इन सारे सवालों के जवाब भी दे दिए.
मोक्ष दिलाने के लिए करता था कत्ल
दर्ज़ी कत्ल दर क़त्ल कहानी सुना रहा था और पुलिस हैरान-परेशान कहानी सुन रही थी. क्या कोई सिर्फ किसी को मोक्ष दिलाने के लिए उसका कत्ल कर सकता है. सीरियल किलर दर्जी की बातों पर यकीन करें तो 33 कत्ल में से हर कत्ल के पीछे उसकी बस एक ही सोच थी और वो ये कि ट्रक डाउवर और क्लीनर की ज़िंदगी बड़ी तकलीफदेह होती है. बस उन्हें उस तकलीफ से निजात दिलाने के लिए ही वो उनका कत्ल कर देता था.