
व्यापम घोटाले के कारण मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव की विदाई लगभग तय हो गई है. गृह मंत्रालय ने उन्हें पद छोड़ने का निर्देश दे दिया है. मंगलवार को यादव पर एसटीएफ ने FIR दर्ज की थी. सूत्रों के मुताबिक देर रात तक केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद इस मामले की पूरी जानकारी ली. इसके बाद यादव को निर्देश दिया गया कि या तो वह पद छोड़ दें या कारवाई के लिए तैयार रहें.
गौरतलब है कि व्यापम घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ ने मंगलवार को मामला दर्ज किया था. राज्यपाल पर वन आरक्षक भर्ती में आजमगढ़ के दो लोगों की सिफारिश कर पास करवाने का आरोप है. एसटीएफ ने 'पद का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार अधिनियम' के तहत मामला दर्ज किया है. यह परीक्षा साल 2012 में हुई थी. सूत्रों के मुताबिक यादव पर इस मामले में ठोस साक्ष्य मौजूद हैं, इसलिए गृह मंत्रालय ने उन्हें पद छोड़ने का साफ निर्देश दे दिया.
एफआईआर नंबर 4 /15 में राज्यपाल रामनरेश यादव के अलावा व्यापम के चार बड़े अधिकारियों को भी आरोपी बनाया है. हालांकि तत्कालीन नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, चीफ एनालिस्ट नितिन महिंद्रा, अजय सेन और सीके मिश्रा का नाम भी एफआईआर में है. ये सभी व्यापम के दूसरे मामले में पहले से ही आरोपी हैं. गौरतलब है कि दस दिन पहले एसटीएफ ने राज्यपाल के बेटे शैलेश यादव को भी आरोपी बनाया था.
जबलपुर हाईकोर्ट ने 20 फरवरी को एसआईटी को घोटाले में शामिल हाई प्रोफाइल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दी थी. मंगलवार को एसटीएफ और एसआईटी के बीच बैठक का सिलसिला चलता रहा. शाम 4 बजे एसआईटी के चेयरमैन चंद्रेश भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'गवर्नर हों या कोई मंत्री, एफआईआर दर्ज करने के लिए जांच एजेंसी को किसी की इजाजत लेने की जरूरत नहीं है. इस पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ केवल चालान पेश करने के लिए ही अनुमति लेने की जरूरत पड़ती है.' दिनभर सलाह मशविरे के बाद शाम 5:50 बजे राज्यपाल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया.
उधर, राज्यपाल पर मामला दर्ज होते ही कांग्रेस ने राजभवन का घेराव किया और राज्यपाल का इस्तीफा मांगा. कांग्रेस की ओर से दावा किया जा रहा है कि बुधवार शाम पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह व्यापम घोटाले में बड़ा खुलासा करने वाले हैं. इससे पहले विधानसभा में भी कांग्रेस ने व्यापम घोटाले को लेकर हंगामा किया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का इस्फीफा मांगा. शिवराज ने एसटीएफ की जांच पर भरोसा जताया और कहा कि उनके ऊपर लगे आरोप बेबुनियाद हैं.