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व्यापम: CBI जांच पर सुनवाई से हाईकोर्ट का इंकार, SC में अपील करेगी शिवराज सरकार

जबलपुर हाईकोर्ट ने व्यापम केस में सीबीआई जांच पर फैसला टाल दिया है. 20 जुलाई को इस केस की अगली सुनवाई होगी. उसी दिन इस पर कोई फैसला होगा.

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aajtak.in
  • जबलपुर,
  • 08 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 8:06 AM IST

जबलपुर हाई कोर्ट ने व्यापम केस में सीबीआई जांच पर फैसला टाल दिया है. 20 जुलाई को इस केस की अगली सुनवाई होगी. उसी दिन इस पर कोई फैसला होगा. हाईकोर्ट का कहना है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इस वजह से अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया जा सकता है.

शिवराज सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में शासक जनता का सेवक होता है. यदि जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट में भी सीबीआई जांच के लिए कहेंगे. सीबीआई इस मामले की सही जांच करके सच्चाई सामने लाए.

भारी दबाव के बीच मंगलवार को मध्य प्रदेश सरकार ने जबलपुर हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की याचिका दायर की थी. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का भी दबाव था. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उनसे इस संबंध में बात भी की थी.

मंगलवार को शिवराज ने कहा था, 'मैं रातभर सो नहीं पाया हूं. जागता रहा हूं. माहौल ऐसा बन गया जिसमें मैंने फैसला कर लिया कि मैं इस मामले की सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट से अपील करूंगा.'

पहले किया था सीबीआई जांच से इंकार
सोमवार को आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में शि‍वराज ने कहा था कि हाईकोर्ट की निगरानी में एसटीएफ इस मामले की जांच कर रही है. इसलिए वह इसकी सीबीआई जांच के लिए अपनी तरफ से कोई पहल नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा था, 'एसटीएफ सरकार के अधीन काम नहीं कर रही है. हाईकोर्ट की निगरानी में है . कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच से पहले ही इनकार किया है. ऐसे में हमारी तरफ से मांग कोर्ट की अवमानना होगी.'

9 जुलाई को SC में सुनवाई
व्यापम केस में सीबीआई जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट नौ जुलाई को सुनवाई करेगा. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और तीन व्हिसल-ब्लोवर की ओर से याचिका दायर कर की गई है.

व्यापम की सुनवाई के लिए बने विशेष बेंच
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि व्यापम केस के आरोपियों की जमानत अर्जी सुनने के लिए एक विशेष बेंच बननी चाहिए. जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने एक आरोपी जुबैर अहमद की अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई करने से मना करते हुए कहा कि चीफ जस्टिस को एक विशेष बेंच बनाना चाहिए, ताकि सभी केस एक ही कसौटी पर सुने जाएं.

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