
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को खाली कराए गए बंगले फिर से आवंटित कर दिए हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विशेष अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए यह फैसला लिया है.
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की तरफ से राज्य के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों को 30 दिन के अंदर सरकारी बंगले खाली करने का आदेश दिया गया था. इन चार पूर्व मुख्यमंत्रियों में उमा भारती, कैलाश चंद्र जोशी, बाबूलाल गौर और दिग्विजय सिंह शामिल हैं, जिन्हें यह ऑर्डर दिया गया था. लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ऐसा रास्ता निकाल लिया, जिससे बीजेपी के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले बच गए. हालांकि, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को भी यह मौका दिया गया, लेकिन उन्होंने फिर से अपनी मांग नहीं रखी, जिसके चलते उन्हें फिर से बंगला अलॉट नहीं किया गया.
19 जुलाई को आया था हाई कोर्ट का आदेश
19 जुलाई को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को निशुल्क आजीवन सरकारी आवास की सुविधा के प्रावधान को अवैधानिक करार देते हुए एक महीने में कार्रवाई करने के आदेश दिए थे.
कोर्ट के इस फैसले के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने चार पूर्व मुख्यमंत्रियों जिनमें कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं, के बंगलों का आवंटन निरस्त कर दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद शिवराज सरकार ने दिग्विजय सिंह समेत चारों पूर्व मुख्यमंत्रियों से वाजिब वजह के साथ बंगले फिर से आवंटित करने की अपील का आह्वान किया था. जिसके बाद बीजेपी के तीनों नेताओं ने बंगले अलॉट करने की मांग की, जबकि दिग्विजय सिंह ने ऐसा नहीं किया.
कैलाश जोशी ने सामाजिक कार्यकर्ता होने के आधार पर सरकारी बंगले की मांग रखी. जबकि उमा भारती ने खुद के पास केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी होने को आधार बताते हुए बंगला दिए जाने की अपील की. वहीं, बाबूलाल गौर ने मौजूदा विधायक होने के नाते फिर से सरकारी बंगला दिए जाने की मांग की. तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने जो आधार बताए, उन्हें राज्य सरकार ने वैध माना और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए तीनों नेताओं को गणमान्य नागरिकों की श्रेणी में रखते हुए फिर से सरकारी बंगले आवंटित कर दिए.
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने पड़े हैं. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह, मायावती, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव को बंगले खाली करने पड़े थे. अखिलेश के बंगले को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. हालांकि, बाद में चारों पूर्व सीएम ने अपने-अपने बंगले खाली कर दिए थे. लेकिन इसी साल चुनाव का सामना करने वाले मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज ने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए अपनी पार्टी से जुड़े से तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले बचा लिए हैं.