
नोटबंदी के बाद सरकार की कोशिशें कैशलेस ट्रांजैक्शन की तरफ बढ़ने की तरफ बढ़ने की है. इसी के मद्देनजर कैशलेस ट्रांजैक्शन को लेकर नेताओं और सांसदों की राय जानने के लिए आजतक ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा राज और कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन व उनके सांसद पति पप्पू यादव से खास बातचीत की.
नोटबंदी से खुश कृष्णा राज
जब हम केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा राज के घर पहुंचे, तो वह रसोई में खाना बना रही थी. जब उनसे पूछा गया कि नोटबंदी के बाद क्या वह कभी बैंक गई या फिर उन्होंने कार्ड और डिजिटल पेमेंट का सहारा लेना शुरू कर दिया है, तो उनका कहना था कि वह पहले से भी कैशलेस ट्रांजैक्शन किया करती थी और इस वजह से उन्हें बैंक जाने की जरूरत ही नहीं पड़ी.
कृष्णा राज ने साथ ही कहा कि नोटबंदी के बाद उन्हें रसोई चलाने में कोई परेशानी नहीं हुई. उनका कहना था, 'नोटबंदी से काफी फायदा हुआ है और कुछ चीजें पहले के मुकाबले सस्ती हुई हैं. उन्हें ही नहीं जिन हाउसवाइफ से भी उन्होंने बात की है, वे सब इस नोट बंदी से खुश हैं.
रंजीत रंजन ने की फैसले की आलोचना
इसके बाद कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन के घर गए, जहां उनके पति सांसद पप्पू यादव भी मौजूद थे. उन दोनों से जब नोटबंदी और कैशलेस लेनदेन के बारे में पूछा, तो सांसद रंजीत रंजन का साफ कहना था कि नोटबंदी से उन्हें बहुत नुकसान हुआ है. कैश की भारी किल्लत की वजह से घर के खर्चे कम कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि नोट बंदी के बाद वह बैंक भी गई थी, इससे हुआ यह कि उन्होंने अपने पति से जो पैसा छुपा के रखा था, वह उजागर हो गया. इस पर वह सवाल करती हैं, 'क्या यह ब्लैक मनी है. ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं, जिन्होंने बहुत सालों से अपने पति से बचाकर घर में पैसा रखा हुआ था. अब वह सब उनके पति के सामने आ गया है.
पप्पू यादव ने की कैशलेस इंडिया की तकलीफें
हालांकि रंजीत रंजन और उनके सांसद पति पप्पू यादव का कहना है कि उन्होंने कभी बाजार जाकर कोई सामान नहीं खरीदा, इसलिए उनको पैसे और कैशलेस से कोई फर्क नहीं पड़ा है. मगर जिन गरीबों का वह दिल्ली में इलाज करवाते थे और उनके घर में उन्होंने उनके रहने की व्यवस्था की हुई है. नोटबंदी के बाद उन्हें परेशानी हो रही है. वह कहते हैं कि बिहार सहित कई दूसरे राज्यों के लोग उनके पास आते हैं और वह उनके इलाज में मदद करते हैं. उनके लिए दवाओं और खाने-पीने की चीज़ों की व्यवस्था करवाते हैं. नोटबंदी के बाद अब उन्हें ऐसे लोगों की मदद करने में समस्याएं आ रही हैं.
पप्पू यादव का यह भी मानना है कि देश में किसानों, मजदूरों और गरीबों के सामने काफी बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. नोटबंदी की वजह से लोगों के पास काम नहीं है और कई मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. सरकार कैशलेस की तो बात कर रही है, मगर जिनके पास काम-धंधा नहीं, पैसा नहीं, वह लोग क्या करेंगे.