
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और क्रिकेट खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारियों के लीक मामले में सरकार ने कार्रवाई की है. बुधवार को सरकार ने जानकारी लीक करने के आरोप में संबंधित एजेंसी पर दस साल का बैन लगा दिया है. बता दें कि मंगलवार को धोनी की पत्नी ने ट्वीट कर, मंत्री को घेरा था.
राज्यसभा में गूंजा मसला
इस मसले पर राज्यसभा में कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार को घेरते हुए कहा कि आपके पास क्या गारंटी है कि आपके पास हैकिंग को रोकने के लिए तकनीक है? धोनी की पत्नी ने शिकायत की कि उनका आधार नंबर सार्वजनिक किया गया. इस पर जेटली ने कहा कि यह एक अपरिपक्व व्यवहार का मामला था और कंपनी को 10 साल तक ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है.
UIDAI ने दिए जांच के आदेश
इस बीच, UIDAI ने इस मामले में आधार एक्ट के तहत जांच के आदेश दे दिए हैं. यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि क्या इस मामले में किसी बाहरी का हाथ तो नहीं है?
कौन सी एजेंसी बैन की गई?
UIDAI के CEO अजय भूषण पांडे ने कहा- हमने VLE (Village Level
Entrepreneur) को बैन कर दिया है. इसी एजेंसी ने धोनी को आधार के लिए इनरोल किया था. कहा जा रहा है कि इसी एजेंसी की रसीद लीक हुई थी, जिसमें धोनी की निजी जानकारियां थीं. UIDAI किसी भी स्तर पर निजी जानकारियों को लीक करने के खिलाफ है.
ट्वीट करने वालों पर भी होगी कार्रवाई
साथ ही उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी जिन्होंने धोनी की जानकारियों को ट्वीट किया था. e-Governance सर्विस के ट्विटर हैंडल CSCeGov से ये पोस्ट किया गया था.
कैसे लीक हुई थी धोनी के आधार की जानकारी
हुआ यूं कि आधार के प्रमोशन के लिए क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की फोटो का इस्तेमाल किया गया था. ये फोटो उस वक्त की थी जब धोनी आधार के लिए अपनी डिटेल यानी फोटो और फिंगर प्रिंट दे रहे थे. धोनी की पत्नी साक्षी ने निजता को लेकर एक शिकायत की थी. उन्होंने ट्वीट कर कहा- प्राइवेसी नाम की कोई चीज है या नहीं? बता दें कि आईटी मिनिस्ट्री से जुड़े एक ट्विटर हैंडल से धोनी के आधार से जुड़े फॉर्म की जानकारी ट्वीट की गई थी.
धोनी की पत्नी और मंत्री के बीच हुई थी ट्विटर पर बहस
मंगलवार को ही केंद्रीय दूर संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसका जवाब दिया था. साक्षी ने कहा था- आवेदन सहित आधार कार्ड का विवरण सार्वजनिक कर दिया गया है. इस पर रविशंकर ने कहा था कि नहीं, यह कोई सार्वजनिक संपत्ति नहीं है. क्या यह ट्वीट किसी भी व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा करता है? जिस पर साक्षी ने कहा कि फॉर्म में भरी व्यक्तिगत जानकारी लीक हो गई हैं.