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हार के बाद धोनी ने कहा, टी20 में दिमाग का इस्तेमाल मत करो

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले दोनों टी20 मुकाबले गंवा चुकी टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा है कि हर साल इस फॉर्मेट में मिली हार उन्हें यह याद दिलाता है कि इसमें ज्यादा दिमाग का इस्तेमाल नहीं करना है.

टीम इंडिया के वनडे और टी20 कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया के वनडे और टी20 कप्तान महेंद्र सिंह धोनी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले दोनों टी20 मुकाबले गंवा चुकी टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा है कि हर साल इस फॉर्मेट में मिली हार उन्हें यह याद दिलाता है कि इसमें ज्यादा दिमाग का इस्तेमाल नहीं करना है.

धोनी ने दूसरे वनडे में छह विकेट से मिली हार के बाद कहा, ‘हर साल टी20 में हमने ऐसा एक प्रदर्शन देखा है जिसमें हम अच्छा नहीं खेल पाये. अब शायद हम अगले मैचों में खुलकर खेल सकेंगे. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि खुलकर नहीं खेलने और जरूरत से ज्यादा सोचने से टी20 क्रिकेट में मामला पेचीदा हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘मेरा निजी तौर पर मानना है कि मैने इस प्रारूप में बहुत दिमाग लगाया. खुलकर अपने स्ट्रोक्स खेलना जरूरी था. मैंने शुरुआत में वैसे ही खेला. इस प्रारूप में आते ही बड़े शॉट्स खेलना जरूरी है.

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बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आने के बारे में उन्होंने कहा, ‘अधिकांश समय जब मैं बल्लेबाजी के लिए जाता हूं, चाहे वह 16वां या 17वां ओवर हो या चौथा या पांचवां ओवर जब विकेट गिर जाते हैं तब भी मेरा मानना होता है कि 130 के पार बनाना चाहिए जो अच्छा स्कोर होगा. उन्होंने कहा, ‘मैं बल्लेबाजी क्रम में इसलिए भी उपर आना चाहता हूं कि निचले क्रम पर कोई और जिम्मेदारी ले. नंबर छह काफी महत्वपूर्ण क्रम है.’

धोनी ने कहा कि टी20 सीरीज का सकारात्मक पहलू यह है कि इससे पांच मैचों की वनडे सीरीज से पहले सही टीम संयोजन तलाशने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘टी20 की अच्छी बात यह है कि वनडे से पहले हमें अच्छा अभ्यास मिल गया है. हम इसका पूरा फायदा उठाकर वनडे के लिए सर्वश्रेष्ठ टीम संयोजन उतारेंगे.’

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धर्मशाला में हार का कारण खराब गेंदबाजी रहा तो यहां बल्लेबाज कमजोर कड़ी साबित हुए हालांकि कप्तान ने बल्लेबाजों का बचाव किया. उन्होंने कहा, ‘पिछले मैच में हमने अच्छी बल्लेबाजी की थी. हम दो पहलुओं पर मेहनत करना चाहते थे, एक रन आउट रोकना और दूसरा जल्दी विकेट नहीं गंवाना. इस मैच में इन्हीं दो वजहों से हमारी बल्लेबाजी कमजोर हुई. हमें 140-150 रन बनाने चाहिए थे.’

बल्लेबाजी के विषय में धोनी ने कहा, ‘यदि आप हमारी टीम को देखें तो टी20 और वनडे में अधिकांश बल्लेबाज वहीं हैं. यही हमारी ताकत है और अचानक से लोगों को उस तरह का खेल खेलने के लिए नहीं कह सकते जो उनकी ताकत नहीं है.’ धोनी ने स्पिनर आर अश्विन की तारीफ की जिसने 24 रन देकर तीन विकेट लिए. उन्होंने कहा, ‘स्पिनर हमारी ताकत रहे हैं. उन्हें पिच से ज्यादा मदद नहीं मिल रही थी लेकिन उन्होंने उछाल का सही इस्तेमाल किया. धर्मशाला में मैदान छोटा होने से हम अतिरिक्त स्पिनर को नहीं उतार सके थे. कुल मिलाकर स्पिनर हमारी ताकत हैं और उनके अच्छा नहीं खेलने से हमारे प्रदर्शन पर असर पड़ता है.’

धोनी ने आगे कहा कि ओस को देखते हुए मैच थोड़ा पहले कराना बुरा प्रस्ताव नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘मेरा हमेशा से मानना रहा है कि इस मौसम में हालात के कारण अंतिम एकादश चुनना मुश्किल होता है. कई बार टास भी अहम हो जाता है. यही वजह है कि मैं मैच थोड़ा पहले शुरू करने का हिमायती रहा हूं ताकि ओस का ज्यादा असर नहीं पड़े.’

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बाराबती की पिच पर कुछ दरारें थी और धोनी ने कहा कि वे अपने अनुकूल पिचें बनाने की मांग नहीं करते, खासकर सीमित ओवरों के प्रारूप में. उन्होंने कहा, ‘वनडे और टी20 प्रारूप में हम ऐसी कोई मांग नहीं करते. मेजबान संघ सर्वश्रेष्ठ पिच बनाता है और हम उसी पर खेलते हैं.’

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