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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को वहां की सुप्रीम कोर्ट ने पद से आयोग्य करार दे दिया. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. कोर्ट ने पनामा पेपर्स लीक मामले में यह कार्यवाई की है. आपको बता दें कि पनामा पेपर्स लीक के बाद नवाज शरीफ सहित उनके परिवार पर भ्रष्टाचार का मामला चल रहा है.
दिलचस्प यह है कि माइक्रोसॉफ्ट के एक फॉन्ट ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की कुर्सी गंवाने में अहम रोल अदा किया है. पिछले कुछ हफ्तों से एमएस वर्ड का कैलिबरी फॉन्ट लगातार खबरों में रहा.
पनामा पेपर्स लीक से यह सामने आया कि शरीफ परिवार से जुड़ी कंपनियों ने लंदन में कई लग्जरी प्रोपर्टीज खरीदी हैं. हालांकि लीक्ड पनामा पेपर्स में नवाज शरीफ का नाम नहीं है, लेकिन मरयम शरीफ का है.
इस पूरे मामले में माइक्रोसॉफ्ट वर्ड का कैलिबरी फॉन्ट महत्वपूर्ण रहा. शरीफ परिवार के बचाव में कोर्ट में कुछ दस्तावेज पेश किए गए. इस दस्तावेज में दिखाया गया कि इस शरीफ इस मामले से जुड़े नहीं है और पनामा पेपर्स लीक से उनका कोई लेना देना नहीं है.
यह दस्तावेज 2006 के थे और यह माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के पॉपुलर फॉन्ट कैलिबरी में टाइप की गई हैं. लेकिन माइक्रोसॉफ्ट का यह फॉन्ट पब्लिक के लिए 2007 में जारी किया गया था. इसलिए इस दस्तावेज पर संदेह हुआ, क्योंकि जो फॉन्ट आया ही नहीं उसमें दस्तावेज टाइप कैसे किया गया.
हालांकि 2006 में कैलिबरी फॉन्ट बीटा वर्जन में उपलब्ध था, लेकिन इसका इस्तेमाल MS Word यूजर्स नहीं कर सकते थे. 2007 में इसे आधिकारिक तौर पर सभी के लिए जारी किया गया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जांच टीम के हेड ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, ‘हमने इस दस्तावेज में इस्तेमाल किए गए फॉन्ट्स की पहचान की है और यह कैलिबरी है. यह फॉन्ट 31 जनवरी 2007 से पहले कमर्शियल तौर पर उपलब्ध नहीं था.’