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ITBP में पहली बार देसी ‘मुधोल हाउंड’ डॉग्स, चीते की तरह लगा सकते हैं दौड़

बताया जा रहा है कि इन कुत्तों को पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कैम्पों को आतंकी हमलों और राष्ट्रविरोधी तत्वों की साजिश से सुरक्षित करने के लिए खासतौर पर इस्तेमाल किया जाएगा.

कुत्तों को बेसिक ट्रेनिंग देने का काम शुरू हो गया है कुत्तों को बेसिक ट्रेनिंग देने का काम शुरू हो गया है
जितेंद्र बहादुर सिंह/खुशदीप सहगल
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:01 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देसी नस्ल के ‘मुधोल हाउंड’ कुत्तों को इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP)  में शामिल करने के लिए हरी झंडी दे दी है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इन कुत्तों को ‘क्रैक K9’ विंग में शामिल किया जाएगा. हरियाणा के पंचकुला में स्थित भानु डॉग ट्रेनिंग सेंटर में कुत्तों को बेसिक ट्रेनिंग देने का काम शुरू भी हो गया है.

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भविष्य में अन्य बलों को ये कुत्ते उपलब्ध कराने के लिए ITBP के सेंटर में इनकी ब्रीडिंग भी कराई जाएगी. बताया जा रहा है कि इन कुत्तों को पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कैम्पों को आतंकी हमलों और राष्ट्रविरोधी तत्वों की साजिश से सुरक्षित करने के लिए खासतौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. बता दें कि हाल में सुरक्षा बलों के कैम्पों पर हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

इन कुत्तों को खुफिया ट्रेनिंग मॉड्यूल के जरिए प्रशिक्षित किया जाए. इन कुत्तों की सूंघने की क्षमता बहुत होती है. ये कुत्ते छुपे हुए विस्फोटक ढूंढ निकाल सकते हैं. ये चीते की तरह दौड़ते हैं. इनकी शारीरिक बनावट इन्हें विदेशी कुत्तों से अलग करती है. ये विदेशी कुत्तों की तुलना में अधिक समय तक बिना थके काम करते रह सकते हैं. ऐसे में सर्च ऑपरेशन्स में ये बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं.

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