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मुकेश अंबानी की JIO से तबाह न हो जाए अनिल अंबानी की RCOM

एक तरफ मुकेश अंबानी के ड्रीम प्रोजेक्ट रिलायंस जियो से मोबाइल दुनिया में तूफान खड़ा हो चुका है. वहीं दूसरी तरफ इस तूफान से छोटे भाई अनिल अंबानी के रिलायंस कम्यूनिकेशन (आरकॉम) के पैरों तले जमीन खींसक रही है.

जियो बनाम आरकॉम, भाई-भाई फिर आमने-सामने जियो बनाम आरकॉम, भाई-भाई फिर आमने-सामने
राहुल मिश्र
  • मुंबई,
  • 31 मई 2017,
  • अपडेटेड 5:57 PM IST

स्मार्टफोन और फ्री डेटा से मोबाइल की दुनिया में आए भूचाल का गंभीर असर मुकेश और अनिल अंबानी पर पड़ रहा है. एक तरफ मुकेश अंबानी के ड्रीम प्रोजेक्ट रिलायंस जियो से मोबाइल दुनिया में तूफान खड़ा हो चुका है. वहीं दूसरी तरफ इस तूफान से छोटे भाई अनिल अंबानी के रिलायंस कम्यूनिकेशन (आरकॉम) के पैरों तले जमीन खींसक रही है.

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कर्जा ही कर्जा
मार्च 2017 तक अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम पर 45,733 करोड़ रुपये का कर्ज है. अनिल कह चुके हैं कि कर्जे के इस पहाड़ से 25,000 करोड़ रुपये कम करने के लिए वह अपने मोबाइल टॉवर के बिजनेस को ब्रूकफील्ड नाम की कंपनी को बेच देंगे. इसके अलावा कुछ रकम उन्हें एयरसेल के साथ मर्जर में मिल जाएगा. इसके बावजूद रिलायंस को उधार देने वालों की नींद हराम है और आरकॉम में अपने निवेश पर खतरा मंडराता दिख रहा है.

बिगड़ गई बैलेंसशीट
इस हफ्ते के शुरुआत में आए आरकॉम के चौथी तिमाही के नतीजे आए. नतीजों से साफ है कि अनिल अंबानी की कंपनी के साथ कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है. नतीजों में कंपनी मे रेवेन्यू के साथ-साथ नेट प्रॉफिट में बड़ी गिरावट को दर्शाया है. आंकड़ों के मुताबिक जनवरी-मार्च 2017 की चौथी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 24 फीसदी घटकर महज 4,524 करोड़ रुपये रह गया. वहीं आखिरी तिमाही में कंपनी को 948 करोड़ रुपये का घाटा झेलना पड़ा है. जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी को 79 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.

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भाग गए ग्राहक
रिलायंस जियो की लांच ने सभी टेलिकॉम आपरेटर की वॉयस कॉल सर्विस से होने वाली कमाई को गहरी चोट पहुंचाई है. लेकिन अनिल अंबानी के आरकॉम पर जियो का कुछ ज्यादा गंभीर प्रहार रहा. आरकॉम के आंकड़ों से साफ है कि बड़ी संख्या में उसके ग्राहक उसे छोड़कर दूसरे ऑपरेटर के पास जा रहे हैं. वहीं एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया काफी हद तक जियो से अपने ग्राहकों को बचाने में सफल रहे हैं. इसके अलावा, आरकॉम को अपने डेटा ग्राहकों में भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है. जहां एक साल पहले आरकॉम के पास 38.9 मिलियन ग्राहक थे वहीं पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में उसके पास सिर्फ 28.3 मिलियन ग्राहक बचे हैं.

शेयर बाजार पर आरकॉम की पिटाई
बीते एक साल के दौरान शेयर मार्केट में रिलायंस कंम्यूनिकेशन के शेयर लगभद 40 फीसदी टूट चुके हैं. वहीं इस हफ्ते आए आरकॉम के नतीजों के दिन ही उसके शेयर लगभग 20 फीसदी नीचे आ गए. बंबई शेयर बाजार में शेयर 20.54 फीसदी की गिरावट के साथ 20.50 रुपये पर पहुंच गया. वहीं नैशनल स्टॉक एक्सचेंज पर भी कंपनी का शेयर 20 फीसदी से अधिक कमजोर हुआ. रिलायंस जियो के आक्रमक कीमत नीति के कारण रिलायंस कम्युनिकेशंस को 2016-17 की मार्च तिमाही में 948 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

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