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बिहार: दो इंजीनियरों की हत्या में बड़ा खुलासा, पुलिस को मुकेश पाठक गैंग के संतोष झा पर शक

बिहार के दरभंगा में उगाही का पैसा नहीं देने पर हुई दो इंजीनियरों की हत्या की परतें अब खुलने लगी हैं. इस हत्याकांड के पीछे बिहार के कुख्यात अपराधी मुकेश पाठक के गैंग का हाथ बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक पाठक के खास आदमी संतोष झा ने हत्या की घटना को अंजाम दिया है. झा फिलहाल जेल में बंद है.

संतोष झा (फाइल फोटो) संतोष झा (फाइल फोटो)
आदर्श शुक्ला
  • दरभंगा,
  • 27 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 7:13 PM IST

बिहार के दरभंगा में उगाही राशि नहीं देने पर हुई दो इंजीनियरों की हत्या की परतें अब खुलने लगी हैं. इस हत्याकांड के पीछे बिहार के कुख्यात अपराधी मुकेश पाठक के गैंग का हाथ बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक पाठक के खास आदमी संतोष झा ने हत्या की घटना को अंजाम दिया है. झा फिलहाल जेल में बंद है.

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गौरतलब है कि शुक्रवार को बिहार के दरभंगा जिले में उगाही की राशि नहीं देने पर सड़क निर्माण कम्पनी के दो इंजीनियरों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. हमलावर निर्माण कम्पनी के प्रोजेक्ट इंजीनियर मुकेश और सहायक इंजीनियर ब्रजेश को दो बाइक सवार गोली मारकर फरार हो गए थे. इंजीनियरों को डीएमसीएच (दरभंगा मेडिकल कॉलेज) पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया गया. सूत्रों के मुताबिक मुकेश लखीसराय जिले का और ब्रजेश बिहार के रोहतास जिले से है.

बता दें कि कुख्यात अपराधी मुकेश पाठक इसी साल 7 जुलाई को शिवहर में पुलिस की हिरासत से भाग निकला था. इसी 7 दिसंबर को पाठक ने निजी बिजली कंपनी के सुपरवाइजर उमा शंकर सिंह की हत्या कर अपने मंसूबे जाहिर कर दिए थे. घटना के बाद जांच में जुटी पुलिस ने छह को हिरासत में ले लिया है. दरभंगा के एसएसपी ने एसआई रामा शंकर सिंह पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया. बहेरा थाने के एसएचओ को भी निलंबित कर दिया गया है. इस मामले की जांच करने के लिए SP शिवदीप लांडे के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया है. पांच संदिग्धों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है.

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मिल रहीं थी धमकियां
मुकेश और ब्रजेश दोनों बीएससी-सी एंड सी निर्माण कंपनी के सड़क परियोजना के लिए काम कर रहे थे जो कि दरभंगा में चल रहा था. खबरों के मुताबिक निर्माण कंपनी समस्तीपुर के वर्ना पुल और दरभंगा के रसयारी घाट के बीच राज्य हाईवे संख्या 88 के निर्माण में शामिल थी. इस प्रोजेक्ट की कीमत 750 करोड़ थी. पुलिस सूत्रों का कहना है कि कंपनी को बार-बार अपराधियों से उगाह के लिए कॉल आ रही थीं. कंपनी ने पुलिस से भी शिकायत की और जहां काम चल रहा था पुलिस फोर्स मौजूद थी. इसके बावजूद पुलिस के सामने ये घटना घटी.

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