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रोहिंग्या पर बोले नकवी- भारत में रहने वाले मुसलमान घुसपैठिए नहीं

सरकार के आदेश के बाद सातों रोहिंग्या प्रवासियों को वापस म्यांमार भेज दिया गया है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (फोटो-@naqvimukhtar) केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (फोटो-@naqvimukhtar)
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 9:37 AM IST

रोहिंग्या मुसलमानों को भारत से वापस म्यांमार भेजने वाले मोदी सरकार के फैसले पर चर्चा के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि जो मुसलमान भारत में रह रहे हैं, वो घुसपैठिए नहीं हैं.

शुक्रवार को गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नकवी ने कहा कि कोई भी देश अपने यहां अवैध प्रवासियों को स्वीकार नहीं कर सकता. हालांकि, इसके आगे उन्होंने उन सवालों पर भी जवाब दिया जिसमें खासतौर पर मुसलमानों को देश से बाहर निकालने के आरोप लगते रहे हैं. नकवी ने जोर देकर कहा, 'हर मुसलमान घुसपैठिया नहीं है. भारतीय मुसलमान देश का सम्मान करते हैं और उसके विकास के लिए काम करते हैं.'

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नकवी ने ये भी बताया कि गैर-कानूनी तरीके से रह रहे घुसपैठिए सबसे ज्यादा नुकसान भारतीय मुसलमानों को ही पहुंचा रहे थे और जो भी एक्शन उनके खिलाफ लिया गया है, वह कानून सम्मत है.

मुख्तार अब्बास नकवी का यह बयान सरकार के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें अवैध रूप से रह रहे 7 रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने का फैसला किया गया है. ये अवैध प्रवासी साल 2012 में हिरासत में लिए गए थे और उसके बाद से ही असम के सिलचर स्थित हिरासत केंद्र में रह रहे थे.

राम माधव ने भी किया नागरिकों का बचाव

इससे पहले बीजेपी के महासचिव राम माधव ने भी स्पष्ट कहा है कि हिन्दू हो या मुसलमान, सभी रोहिंग्याओं को देश से बाहर करने की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने कहा कि हम संवैधानिक तरीके काम कर रहे हैं और किसी भी गैर संवैधानिक ढंग से देश में आए व्यक्ति को हम पनाह नहीं देंगे.

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तुष्टिकरण नहीं करती एनडीए

अपने बयान में मुख्तार अब्बास नकवी ने ये भी बताया कि एनडीए सरकार अल्पसंख्यक तुष्टिकरण नीति का विरोध करती है और 'समावेशी विकास' के लिए काम करती है. उन्होंने कहा कि पहले केंद्र, विकास प्रक्रिया के लिए चुनिंदा क्षेत्रों पर ध्यान देता था और अन्य क्षेत्र खासकर पूर्वोत्तर को नजरअंदाज कर दिया जाता था.

नकवी ने कहा, 'मोदी सरकार ने विकास के स्तर पर सभी क्षेत्रीय व सामाजिक बाधाओं के अवरोधक तोड़ दिए हैं और मुख्यधारा की विकास प्रक्रिया से देश के 'नजरअंदाज किए गए और पिछड़े क्षेत्रों' को जोड़ दिया है.'

उन्होंने साथ ही कहा कि केंद्र ने 'वोट बैंक की राजनीति' को समाप्त कर दिया है और 'विकास के मसौदे' पर आधारित 'राष्ट्रवादी राजनीति' के साथ काम किया है. नकवी ने दावा किया कि बीते चार सालों में अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मोदी सरकार द्वारा 16 डिग्री कॉलेज, 1,992 विद्यालयी इमारत, 37,123 अतिरिक्त कक्षाएं, 1147 छात्रावास, 173 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान(आईटीआई), 48 पॉलिटेक्निक, 38753 आंगनवाड़ी केंद्र, 348624 घरों, 323 सदभावना मंडप, 73 आवासीय विद्यालय, 17,397 पेयजल सुविधाओं का निर्माण कराया गया है.

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