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मुंबई कोस्टल रोड परियोजना: SC ने अंतरिम आदेश जारी करने से किया इनकार

मुंबई के कोस्टल रोड परियोजना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल निर्माण कार्य शुरु करने की इजाजत देने से इनकार किया.

सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करने से किया इनकार सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करने से किया इनकार
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST

  • कोस्टल रोड परियोजना मामले में SC का अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार
  • सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी निर्माण कार्य शुरू करने की इजाजत, नंवबर में अगली सुनवाई

मुंबई के कोस्टल रोड परियोजना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल निर्माण कार्य शुरु करने की इजाजत देने से इनकार किया.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं करेंगे. अब मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी. बता दें, हाईकोर्ट के CRZ क्लीरेंस रद्द करने के बाद से ही कोस्टल रोड परियोजना रूकी पड़ी है.

मुंबई की यह महत्वाकांक्षी परियोजनता है. कोस्टल रोड निर्माण की शुरुआत अभी तक नहीं हुई है. इस परियोजना की लागत में 1000 करोड़ रुपये का इजाफा हो रहा है. जानकारों का मानना है कि अगर यह योजना देर से शुरू होती है तो इसकी लागत और बढ़ सकती है.

इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कर रहे हैं. वे म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ ग्रेटर मुंबई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख रहे हैं.

2018 में हुई थी परियोजना की शुरुआत

पक्षकारों का कहना है कि 30 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की शुरुआत 2018 में ही हो गई थी और 2022 तक इस परियोजना को पूरा हो जाना था लेकिन ऐसा नहीं हो सका. सिविक निकाय और अन्य को इसकी इजाजत मिलनी चाहिए कि इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जा सके.

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इस मामले की सुनवाई में जस्टिस एसए बोबड़े और एस एस नाजर शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस स्टे को अस्वीकार कर दिया है जिसमें सीआरजेड क्लियरेंस को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था और कहा था कि याचिका पर सुनवाई दिवाली के बाद होगी .

सुप्रीम कोर्ट ने फिशरमेन यूनियन, कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और निवासियों से जवाब मांगा था. इनसे जुड़ी एक याचिका पर हाई कोर्ट ने कहा था का कि सीआरजेड की क्लियरेंस रिपोर्ट में खामी है.

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