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मुंबई में पकड़े गए पांचवीं पास 'डॉक्टर', ना डिग्री- ना पढ़ाई, पर चला रहे थे क्लीनिक

मुंबई के स्लम एरिया में चल रहे ऐसे क्लीनिक से रोज लाखों लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा था. जिनके पास किसी अस्पताल में सहायक बनने की भी योग्यता नहीं ऐसे फर्जी डॉक्टर्स मरीजों को ना सिर्फ परामर्श दे रहे थे बल्कि उनकी सर्जरी तक कर रहे थे.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
दिव्येश सिंह
  • मुंबई,
  • 06 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:06 AM IST

  • छह झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार
  • पिछले पांच साल से कर रहे थे प्रैक्टिस
  • 10 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में भेजा

मुंबई क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को छह ठिकानों पर छापेमारी कर 6 झोलाछाप डॉक्टरों की गिरफ्तार किया है जो हकीम के तौर पर करीब पांच साल से काम कर रहे थे. क्राइम ब्रांच ने मुंबई के पूर्व उपनगरीय इलाके में यह छापेमारी की है जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक पकड़े गए नीम-हकीमों के पास बेसिक स्कूली शिक्षा भी नहीं है और इनमें से कुछ तो सिर्फ पांचवीं पास ही हैं.

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मरीज बनकर पहुंची पुलिस

गिरफ्तार हुए हकीमों के ज्यादातर क्लीनिक गोवंडी इलाके में जहां काफी घनी आबादी बसती है. ये हकीम न सिर्फ चिकित्सकीय सलाह देते थे बल्कि कई मरीजों की सर्जरी तक कर चुके हैं. मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम मरीज बनकर क्लिनिक में जानकारी जुटाने पहुंची थी जिसके बाद झोलाछाप डॉक्टरों का भंडाफोड़ हुआ. जांच में पाया गया कि ये सभी हकीम बगैर किसी मेडिकल शिक्षा और सर्टिफिकेट के इलाके में क्लीनिक चला रहे थे.

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क्राइम ब्रांच ने जांच में पाया कि ये सभी हकीम के तौर पर काम रहे थे और पूछताछ के दौरान से सवालों से बचते दिखे. एक पुलिसकर्मी ने जब इनसे पढ़ाई और मेडिकल डिग्री के बारे में पूछा तो यह पुलिस को गुमराह करने लगे. लेकिन बाद में इन्होंने जो खुलासे किए वह चौकाने वाले थे क्योंकि पिछले करीब पांच साल से ये सभी अपना क्लिनिक चला रहे हैं और मासूम लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं.

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12वीं पास सबसे काबिल 'डॉक्टर'

फर्जी डॉक्टरों की पहचान मुकुल अमर (34 के तौर पर हुई है जो सिर्फ 11वीं तक पढ़ा है. इसके अलावा 12वीं तक पढ़ा कमरुद्दीन, पांचवीं पास मकसूद अंसारी, 8वीं पास किस्मत शाह और छठवीं पास तैयब चौधरी को भी इस भर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इनमें से किसी भी आरोपी के पास प्रैक्टिस के लिए जरूरी दस्तावेज और संबंधित डिग्री नहीं मिली है.  

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये लोग किसी क्लीनिक में वार्ड व्बॉय और सहायक के तौर पर काम करने के काबिल भी नहीं है, डॉक्टरों और क्लीनिक चलाना तो दूर की बात है. उन्होंने कहा कि कई लोग इनसे मेडिकल परामर्श लेने आते थे जिनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग शामिल हैं. सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर शिवाजी नगर पुलिस के हवाले कर दिया गया जिसके बाद इनकी पेशी हुई और 10 फरवरी तक आरोपियों की कस्टडी में रखा जाएगा.

मुंबई पुलिस ने ऐसे फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है और पिछले 10 माह में ऐसे 19 फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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