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अपनी मांगों को लेकर नासिक से मुंबई पहुंचे हज़ारों किसान आजाद मैदान में डटे हैं. लेकिन किसानों के मुंबई पहुंचते ही राजनीति शुरु हो गई है. सभी दलों के नेता किसानों से मिलने पहुंच रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि महाराष्ट्र में सरकार चला रही बीजेपी और शिवसेना के नेताओं ने भी पहुंचकर किसानों को अपना समर्थन देने का वादा किया. वही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से खुद राज ठाकरे किसानों से मिलने पहुंचे.
राहुल ने भी दिया बयान
सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में चल रहा किसानों का आंदोलन सिर्फ राज्यभर का नहीं बल्कि ये पूरे देश का है. देशभर का किसान समस्या से जूझ रहा है.
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किसानों के हक में खड़ी शिवसेना!
किसानों से मिलने के बाद शिवसेना की ओर से कहा गया है कि जब शिवसेना विपक्ष में थी तब भी किसानों के साथ थी, जब सत्ता में है तब भी है. जब सत्ता में थी तब किसानों का कर्ज माफ करने के लिए शिवसेना ने आग्रह किया था, उद्धव जी बहुत आग्रही रहे हैं. किसानों से मिलने वालों में राज ठाकरे, आदित्य ठाकरे शामिल रहे.
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क्या बोले मुख्यमंत्री?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार रात कहा कि उनकी सरकार किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है. उन्होंने आंदोलनरत किसानों से सोमवार को शहर में यातायात नहीं रोकने की भी अपील की थी. ताकि शहर में दसवीं की परीक्षा देने वाले छात्रों को परीक्षा केंद्रों पर जाने में दिक्कत न हो. दोपहर दो बजे किसानों का जत्था मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकता है.
ये हैं किसानों की मांग
- आंदोलन कर रहे किसानों की पहली मांग पूरे तरीके से कर्जमाफी है. बैंकों से लिया कर्ज किसानों के लिए बोझ बन चुका है. मौसम के बदलने से हर साल फसलें तबाह हो रही है. ऐसे में किसान चाहते हैं कि उन्हें कर्ज से मुक्ति मिले.
- किसान संगठनों का कहना है कि महाराष्ट्र के ज्यादातर किसान फसल बर्बाद होने के चलते बिजली बिल नहीं चुका पाते हैं. इसलिए उन्हें बिजली बिल में छूट दी जाए.
- फसलों के सही दाम न मिलने से भी वो नाराज है. सरकार ने हाल के बजट में भी किसानों को एमएसपी का तोहफा दिया था, लेकिन कुछ संगठनों का मानना था कि केंद्र सरकार की एमएसपी की योजना महज दिखावा है.
- किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें भी लागू करने की मांग किसान कर रहे हैं.