
आजतक के विशेष कार्यक्रम 'मुंबई मंथन' के अहम सत्र '2019 के चुनाव- कौन किसके साथ' में शिवसेना सांसद अरविंद सावंत, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम छगन भुजबल और महाराष्ट्र सरकार के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन राजदीप सरदेसाई ने किया.
इस दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या जाने की घोषणा पर तंज कसा. उन्होंने कहा, 'जहां तक अयोध्या जाने की बात है, हम उद्धव जी को शुभकामनाएं देते हैं, लेकिन हम ये कहना चाहते हैं कि अयोध्या काफी दूर है. यहां मुंबई के लोग बाला साहेब को भगवान मानते हैं उनके लिए पहले कुछ बनाओ.'
राम मंदिर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने का जिक्र करते हुए भुजबल ने कहा कि अगर कानून तोड़ना ही था तो पिछले चार साल में वहां जाकर मंदिर बनाना चाहिए था. इसके आगे उन्होंने राम मंदिर निर्माण पर चर्चा को चुनाव से जोड़ते हुए कहा कि 2014 में जो विकास चला था, वो सो गया है, इसलिए अब जब संकट का वक्त आ गया है तो भगवान याद आ रहे हैं.
एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि राज्य की जनता बीजेपी-शिवसेना सरकार के खिलाफ है इसलिए एनसीपी की कोशिश कांग्रेस और अन्य पार्टियों के साथ जाने की रहेगी. उन्होंने कहा कि कुछ वक्त के लिए बीजेपी महाराष्ट्र की नंबर वन पार्टी बन गई है, लेकिन अब नहीं बनेगी.
वहीं, दूसरी तरफ सत्र के दौरान बीजेपी-शिवसेना के आपसी तालमेल पर कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि यह दोनों पार्टियों की चाल है और एक पक्ष की बात करता है दूसरा विपक्ष की भूमिका में रहने की बात करते हैं. चव्हाण ने कहा कि बीजेपी-शिवसेना की सरकार का नुकसान राज्य की जनता को मिल रहा है.