
जन्माष्टमी के मौके पर मुंबई में होने वाली दही हांडी प्रतियोगिता में एक नया विवाद जुड़ गया है. इस बार विवाद महिला दही हांडी प्रतियोगिता को लेकर है. हिंदू जन-जागृति समिति ने कहा है कि महिला दही हांडी प्रतियोगिता हिंदू धर्म की संस्कृति के खिलाफ है.
हर साल मनाए जाने वाले इस त्यौहार को बड़े उत्साह से मनाया जाता है. जानकारों की मानें तो दही-हांडी प्रतियोगिता को सिर्फ त्यौहार की नजर से ही नहीं बल्कि साहसी खेल की नजर से भी देखा जाता है. पिछले कई सालों से महिलाएं भी इस त्यौहार का हिस्सा बनती आ रहीं हैं. लेकिन हिंदू जन-जागरण समिति ने इस त्यौहार में महिलाओं के शामिल होने को लेकर सवाल उठाया है. हिंदू जन-जागरण की मानें तो इस महिलाओं के इस त्यौहार में शामिल होने से हिंदू धर्म का विनाश हो रहा है.
इस विवाद के बाद महिला दही-हांडी मंडलों ने कड़ा ऐतराज जताया है. महिला दही-हांडी मंडलों ने इसे महिलाओं का अपमान बताया है और कहा है कि वो इस प्रतियोगिता में जरूर हिस्सा लेंगे.
गौरतलब है कि इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने 18 साल की उम्र से कम लोगों के प्रतियोगिता में शामिल होने पर रोक लगाई थी और इस प्रतियोगिता से जुड़े कई दिशा-निर्देश जारी किए थे. हालांकि दही-हांडी प्रतियोगिता में अब बहुत कम समय रह गया है और ऐसे में रोज उठ रहे नए-नए विवाद में कहीं इस त्यौहार का रंग फीका ना पड़ जाए.