
शार्दुल ठाकुर की अगुवाई में तेज गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन से मुंबई ने सौराष्ट्र को तीसरे दिन ही पारी और 21 रन से हराकर रिकॉर्ड 41वीं बार रणजी ट्रॉफी राष्ट्रीय क्रिकेट चैंपियनशिप का खिताब जीता.
मुंबई ने अपनी पहली पारी में 371 रन बनाकर 136 रन की बढ़त ली और फिर सौराष्ट्र को दूसरी पारी में 121 रन पर ढेर कर दिया. शार्दुल ठाकुर ने 26 रन देकर पांच विकेट लिए जबकि पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले धवल कुलकर्णी ने 34 रन देकर दो और बलविंदर सिंह संधू ने 21 रन देकर दो विकेट हासिल किए. तेज गेंदबाजों को विकेट से अब भी मदद मिल रही थी और सौराष्ट्र के बल्लेबाज दूसरी पारी में शार्दुल और अन्य बल्लेबाजों के सामने संघर्ष करते हुए नजर आए. उसकी तरफ से पांच बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे जिनमें चेतेश्वर पुजारा ने सर्वाधिक 27 रन बनाए.
मुंबई ने सुबह अपनी पहली पारी आठ विकेट पर 262 रन से आगे बढ़ाई लेकिन सिद्धेष लाड (88) और सिंधू (नाबाद 34) ने आखिरी विकेट के लिए 103 रन की साझेदारी करके सौराष्ट्र की वापसी की उम्मीदों को करारा झटका लगाया. यह साझेदारी आखिर में महत्वपूर्ण साबित हुई. कप्तान जयदेव शाह ने 17 रन बनाए. उनके आउट होने के बाद मुंबई ने पारी की जीत के लिए प्रयास तेज कर दिए. जयदेव उनादकट ने आखिरी क्षणों में एक चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 16 रन बनाए लेकिन वह पारी की हार नहीं टाल सके. सौराष्ट्र ने अपनी पहली पारी में 235 रन बनाए थे.
श्रेयस अय्यर ‘मैन ऑफ द मैच’
श्रेयस अय्यर को मुंबई की पहली पारी में 117 रन बनाने के लिए ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया. उन्होंने इस सत्र में 73.38 की औसत से 1,321 रन बनाए जिसमें चार शतक और सात अर्धशतक शामिल हैं. अय्यर ने कहा, ‘अभी आप अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर सकते. रणजी ट्रॉफी जीतना हर किसी का सपना होता है. हमने वास्तव में इसके लिए कड़ी मेहनत की थी और यह शानदार रहा. पिछले सत्र में मैंने 810 रन बनाए और इस सत्र में मैंने इससे अधिक रन बनाने को अपना लक्ष्य बनाया था. मैं इससे आगे निकला और 1,300 से अधिक रन बनाने में सफल रहा. यह शानदार अहसास है.’
सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव शाह ने कहा कि उनकी टीम मौकों का फायदा नहीं उठा पाई. उन्होंने कहा, ‘यह बेहद निराशाजनक है. कैच लेने से मैच जीते जाते हैं और हमने दो महत्वपूर्ण मौके गंवाए लेकिन मेरी टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया. प्लेट से हम एलीट में पहुंचे और फिर फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे. हमारे लिए यह सत्र अच्छा रहा.’
यह रणजी फाइनल में दसवां अवसर है जबकि मुंबई ने किसी टीम को पारी के अंतर से हराया. सौराष्ट्र लगातार दूसरी बार खिताब से वंचित रहा. इससे पहले 2012-13 में वह मुंबई से पारी और 125 रन से हार गया था. मुंबई ने पिछले तीन साल में पहली बार खिताब जीता. यह उसका 45वां फाइनल था जिसमें 41 बार वह जीतने में सफल रहा. कर्नाटक उससे काफी पीछे आठ खिताब के साथ दूसरे स्थान पर है.