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ISIS के लिए लड़ने गया शख्स मुंबई लौटा, हुआ गिरफ्तार

कुछ महीने पहले मुंबई के कल्याण से चार युवक आतंकी संगठन आईएसआईएस में शमिल होने गए थे, उनमें से एक मुंबई लौट आया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अरीब माजिद नाम का शख्स शुक्रवार सुबह ही तुर्की के रास्ते मुंबई पहुंचा.

अरीब माजिद अरीब माजिद
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 8:55 AM IST

कुछ महीने पहले मुंबई के कल्याण के चार युवक आतंकी संगठन आईएसआईएस में शमिल हो गए थे, उनमें से एक मुंबई लौट आया है.

आरिफ मजीद (23) नाम के जिस युवक के बारे में अब तक माना जा रहा था कि वह सीरिया में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के लिए लड़ते हुए मारा गया, उसे मुम्बई लौटने के कुछ घंटे बाद शुक्रवार रात गिरफ्तार कर लिया गया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मजीद से एनआईए के साथ केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की थी जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया. उसे शनिवार को एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.

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आईएसआईएस और उसके सदस्यों के खिलाफ आईपीसी की धारा 125 के तहत एक मामला दर्ज किया गया है जो भारत के साथ दोस्ताना रिश्ते रखने वाले किसी एशियाई देश के खिलाफ जंग छेड़ने से जुड़ा है और इसमें अधिकतम सजा उम्रकैद हो सकती है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देर रात एनआईए को मामला दर्ज करने का निर्देश देते हुए अधिसूचना जारी की. इस साल मई में कल्याण से आरिफ मजीद समेत चार युवक पश्चिम एशिया के धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए गये थे जिनमें शाहीन टांकी, फहद शेख और अमन टांडेल भी थे. लेकिन बाद में वे गायब हो गए. संदेह था कि वे पश्चिम एशिया में सक्रिय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) में शामिल हो गए.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरिफ शुक्रवार सुबह लौटा और एनआईए तथा महाराष्ट्र एटीएस ने उससे पूछताछ की. एक सूत्र के अनुसार यहां लौटने के तत्काल बाद आरिफ की मेडिकल जांच कराई गयी. उसके पारिवारिक मित्र इफ्तखार खान ने कहा, ‘आरिफ के पिता एजाज को आज सुबह सुरक्षा एजेंसियों से फोन आया. उन्हें बताया गया कि उनका बेटा मुम्बई में है.’ पुलिस के मुताबिक इंजीनियरिंग के ये चारों विद्यार्थी 23 मई को इराक में धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए 22 तीर्थयात्रियों के एक समूह का हिस्सा बनकर बगदाद गए थे. अगले दिन आरिफ ने बगदाद से अपने परिवार को फोन किया और उन्हें बगैर बताए चले जाने के लिए माफी मांगी.

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अन्य यात्रियों ने भारत लौटने पर बताया कि आरिफ, शाहीन, फहद और अमन किराये पर टैक्सी लेकर बगदाद के पश्चिम में स्थित शहर फलुजाह चले गए थे जो इराक के चरमपंथ के केंद्र के रूप में उभरा है. एक पारिवारिक मित्र अतीक खान ने संवाददाताओं से कहा, ‘26 अगस्त को शाहीन टांकी ने आरिफ के परिवार को फोन किया था और कहा था कि उनका बेटा सीरिया में आईएसआईएस के पक्ष में लड़ते हुए शहीद हो गया.’ अगले दिन आरिफ के परिवार ने कल्याण में ‘जनाजा-ए-गयाबाना’ (शव की अनुपस्थिति में दिवंगत आत्मा के लिए की जाने वाली रस्म) पढ़ी.

हाल ही में आरिफ के पिता एजाज मजीद ने कथित रूप से एनआईए से भेंट की थी और उससे कहा था कि उनका बेटा तीन महीने तक आईएसआईए के पक्ष में लड़ाई करने के बाद उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र से भागकर तुर्की चला गया और अब वह भारत लौटना चाहता है.

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