
कहते हैं कि मुल्क के हालात देखने हों तो शायर के नजरिए से देखो. देश के अजीम शायर मुनव्वर राणा का नाम कौन नहीं जानता. शुक्रवार को राणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. 'आज तक' से खास बातचीत में राणा ने बताया कि उन्होंने 'मां' से लेकर 'यूपी में योगीराज' तक हर मुद्दे पर प्रधानमंत्री से बात की.
राणा के मुताबिक प्रधानमंत्री ने उन्हें देखते ही पूछा कि आपका पैर तो ठीक हो गया था फिर क्या हो गया. राणा ने प्रधानमंत्री को बताया कि पिछले बरस अम्मा गुजरी थीं तो उन्हें ध्यान नहीं रहा था कि उनका ऑपरेशन हुआ है, जमीन पर बैठ गया तो रॉड से इन्फेक्शन हो गया. तब से ऐसे ही चल रहा है.
मुनव्वर ने कहा कि उन्होंने मां पर एक किताब भी प्रधानमंत्री को भेंट की जिस पर लिखा था 'आपकी अम्मा के लिए.' राणा के मुताबिक उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि वे उनके आदर्श हैं क्योंकि पीएम की मां उनके लिए आदर्श हैं.
राणा ने बताया कि प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात 15-16 मिनट चली. राणा ने बताया कि वक्त कम होता है और प्रधानमंत्री से मिलने वालों की भीड़ ज्यादा होती है. ऐसे में हमारे जैसे आदमी के लिए तो गुफ्तगू करना ही मुहाल है. लेकिन प्रधानमंत्री ने बहुत मुहब्बत से सारी बातें सुनीं.
ये कहते हुए राणा ने अपना मशहूर शेर भी सुनाया.
इतनी आसानी से कब अहले हुनर खुलते हैं,
जब बुलन्दी पे पहुँचता हूँ तो पर खुलते हैं...
राणा के मुताबिक प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान गुजरात से लेकर यूपी और हर बात का जिक्र आया. राणा ने प्रधानमंत्री से कहा कि वे पूरे हिंदुस्तान के पीएम हैं. सब उनसे मुहब्बत करते हैं. वे कतर जाते हैं, दुबई जाते हैं तो कहते हैं कि वे खुश हैं कि नरेन्द्र मोदी उनके प्रधानमंत्री हैं.
राणा ने बताया कि यूपी में एंटी रोमियो स्कवॉड और बूचड़खानों पर कार्रवाई का मुद्दा भी प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान उठा. राणा के मुताबिक उन्होंने कहा कि जब छप्पर या झोपड़पट्टी भी हटाई जाती है तो पहले महीने-दो महीने का वक्त दिया जाता है. ऐसे में इंसान जेहनी तौर पर तैयार हो जाता है कि ऐसा होना है. ऐसा कहा जाता है कि आप यहां से खाली कर वहां बना लीजिए. राणा के मुताबिक ये बात उठी कि लाइसेंस वाली मीट की दुकानों को तो नहीं हटाया जा रहा. राणा ने कहा कि पुलिस वाले अपने तईं कार्रवाई करते हैं. भाई-बहन भी जा रहे हैं तो पकड़ लिया. प्रशासन पर काबू रखना भी हुकूमत के लिए बहुत जरूरी है. राणा ने कहा कि ये छोटी-छोटी बातें थीं जिसका जिक्र उन्होंने प्रधानमंत्री से किया.
'आज तक' ने यूपी में नए योगीराज पर मुनव्वर राणा की राय जानने के लिए सवाल किया तो उन्होंने कहा कि योगियों यानि पारसा (पाक साफ) लोगों की जरूरत है. इन योगी के साथ कुछ और पारसा लोग भी आ जाएं तो सब अच्छा होगा. राणा ने योगीराज का आगाज अच्छा बताया बशर्ते कि इसमें राम जन्म भूमि ना आ जाए, तीन तलाक ना आ जाए.
अयोध्या मुद्दे पर राणा ने कहा कि उन्होंने 20 बरस पहले ही कहा था कि आस्थाओं का फैसला हुकूमतें, अदालतें नहीं कर सकतीं. ये तो हमारा आपका है. राणा से जब कहा गया कि आपकी प्रधानमंत्री से जो मुलाकात हुई उसे एक शेर में कैसे बयां करेंगे. इस पर राणा का जवाब था कि उन्होंने शेर के जरिए प्रधानमंत्री को बताया कि जितनी मुहब्बत इस मुल्क से गैर मुस्लिम करते हैं. उससे कम हम नहीं करते हैं.
राणा ने ये शेर सुनाया-
मदीने तक में हमने मुल्क की ख़ातिर दुआ मांगी,
किसी से पूछ ले इसको वतन का दर्द कहते हैं
'आज तक' से बातचीत के आखिर में मुनव्वर राणा ने अपना ये मशहूर शेर भी पढ़ा.
जिसे भी जुर्मे-ग़द्दारी में तुम सब क़त्ल करते हो,
उसी की जेब से क्यों मुल्क का झंडा निकलता है...
डरा धमका कर तुम हमसे वफा करने को कहते हो,
कहीं तलवार से भी पांव का कांटा निकलता है...