
मशहूर शायर मुनव्वर राना ने अपना साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा दिया है. एक टीवी चैनल के लाइव शो को दौरान उन्होंने पुरस्कार के रूप में मिली शील्ड और एक लाख रुपये का चेक वापस करने का ऐलान किया. देश में हाल ही में कई साहित्यकार अवॉर्ड लौटा चुके हैं.
मुनव्वर राना ने अवॉर्ड लौटाते हुए कहा, 'मैं ये अवॉर्ड लौटा रहा हूं...और ये रहा एक लाख रुपये का चेक. इस पर मैंने कोई नाम नहीं लिखा है. आप चाहें तो इसे कलबुर्गी को भिजवा दीजिए, या पनसारे को भिजवा दीजिए या अखलाक को भिजवा दीजिए या किसी ऐसे मरीज को भिजवा दीजिए, जो अस्पताल में इलाज न करवा पा रहा हो और हुकूमत के लोग उसे न देख पा रहे हों.'
इस मौके पर मुनव्वर राना ने कहा, 'नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, पर इससे उनका क्या लेना है. शहरी के तौर पर मैं भी इस माहौल का जिम्मेदार हूं और एक शहरी के तौर पर नरेंद्र मोदी भी जिम्मेदार हैं.'
मुनव्वर राना 'मां' पर कहे गए अपने अशआर के लिए बहुत मशहूर हैं. उन्हें 2014 में 'शाहदाबा' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था. याद रहे कि दादरी में अखलाक, उससे पहले सीपीआई नेता गोविंद पनसारे और लेखक कलबुर्गी की हत्या के प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर अवॉर्ड लौटाने का यह सिलसिला शुरू हुआ था. अवॉर्ड लौटाने वाले अन्य लेखकों में उदय प्रकाश, नयनतारा सहगल, काशीनाथ सिंह, मंगलेश डबराल, राजेश जोशी और अशोक वाजपेयी भी शामिल हैं.