नील गिरि में कोडानाड के बाशिंदे इसे सम्मान के साथ 'व्हाइट हाउस' कहते हैं. यह 800 एकड़ के हरे लहलहाते भूभाग पर दोमंजिला भव्य मकान है जिसमें करेंट वाले तारों की बाड़ लगी है और 1,400 कैमरे हर वक्त निगरानी करते रहते हैं. यह दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता का राजधानी चेन्नै से दूर छुट्टियों वाला घर था. यह जायदाद उन्होंने 1992 में हासिल की थी. शुरुआत में वे यहां कारों के काफिले में आती थीं. बाद में हेलिपैड ने चेन्नै से यहां तक के सफर का वक्त घटा दिया.
जयलिलता यहां के गांव वालों से मुश्किल से ही कभी मिलीं, पर फिर भी वे उनकी चहेती थीं, क्योंकि उन्होंने राज्य के संसाधनों से कोडानाड में जन सुविधाएं जुटाने और विकास करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. सबसे नजदीकी कस्बा कोटागिरि यहां से 12 किमी दूर है. जयललिता के गुजरने के बाद तगड़ी सुरक्षा से घिरी इस एस्टेट से यहां के बाशिंदों का कोई वास्ता नहीं था, लेकिन 24 अप्रैल को गेट नंबर 10 पर एक सुरक्षा गार्ड मृत पाया गया तो सबका ध्यान इस ओर गया. उसकी लाश पेड़ से उलटी लटकी मिली.
निगरानी में लगे कैमरे काम नहीं कर रहे थे, पर पुलिस ने 12 घंटे में ही पता लगा लिया कि दो कारों में बैठकर आए लोगों के एक गिरोह ने ओम बहादुर की हत्या कर दी और 'व्हाइट हाउस' के 10 चौकीदारों में दूसरे कृष्ण बहादुर को घायल कर दिया. उससे मिले सुरागों और दूसरे परिस्थितिजन्य सबूतों की मदद से पुलिस ने बदमाशों में से कुछ की पहचान कर ली.
लेकिन असंभव-सी लगने वाली हैरतअंगेज घटनाएं इसके बाद हुईं, जिन्हें कुछ लोग साजिश भी कहते हैं.
28 अप्रैल को सी. कनगराज मारा गया, उसे पुलिस ने सुरक्षाकर्मी की हत्या का पहला अभियुक्त बताया था. उसे एक कार ने उस समय टक्कर मार दी जब वह सलेम-उलुंडरपेट हाइवे पर अट्टड्ढूर के नजदीक मोटरसाइकिल से जा रहा था. नौ घंटे भी नहीं बीते थे कि 29 अप्रैल को तड़के 5.30 बजे दूसरे अभियुक्त के.वी. सायन की कार केरल में पलक्कड़-त्रिसुर रोड पर कन्नाडी में एक खड़ी लॉरी से जा टकराई. सायन पत्नी और पांच साल की बेटी के साथ जा रहे थे. उसे गंभीर हालत में कोयंबटूर अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत में सुधार है. दोनों एस्टेट प्रशासन के नजदीकी थे—कनगराज 2008 से जयललिता का भरोसेमंद ड्राइवर था और सायन कारपेंटर का सहायक था.
नीलगिरि जिला पुलिस करीब 10 में से छह बदमाशों की पहचान कर चुकी है. बदमाश जयललिता की कलाईघड़ी और साथ ही क्रिस्टल के गैंडे सहित कुछ कलाकृतियां ले गए. नीलगिरि के एसपी मुरली रंभा ने कहा, ''जांच चल रही है इसलिए हम ज्यादा नहीं बता सकते.'' कुछ सूटकेस भी खुले पाए गए जिससे यह शक पैदा हुआ कि गिरोह कुछ कीमती चीजें और शायद दस्तावेज भी ले गया है.
डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्तालिन कहते हैं, ''बंगले से क्या-क्या गायब हुआ, इसकी जांच करना पुलिस का फर्ज है.'' इस बीच, कनगराज के भाई ने उसे निर्दोष बताकर साजिश को और गहरा कर दिया. उन्होंने इसे श्सियासी साजिश्य करार दिया. अब कई कहानियां तैर रही हैं कि जयललिता के 'कई जगहों पर गुप्त खजाने' थे, जिनमें चेन्नै के नजदीक सिरुवतूर का फार्महाउस भी शामिल है और शशिकला को सब पता है. लेकिन वे तो आगे आकर शिकायत करने से रहीं, इस डर से कि उन्हें स्रोत बताना पड़ेगा. यह मामला भी वाकई उन मिथकों का हिस्सा बन सकता है जो व्हाइट हाउस को घेरे हुए हैं.