
यूपी में फतेहपुर में सन् 1983 में हत्या के आरोप में हुई सजा के बाद से फरार आरोपी को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने एक मंदिर परिसर से गिरफ्तार कर लिया. वह पिछले 32 वर्षों से साधु के वेश में रह रहा था. इस मामले में पुलिस को कई बार हाईकोर्ट में फटकार भी सुननी पड़ी थीं.
जानकारी के मुताबिक, मामला खखरेरू थाना क्षेत्र के कुल्ली गांव का है. यहां वर्ष 1983 में उसने 19 वर्ष की आयु में किसी बात को लेकर उमाशंकर पांडेय ने अपने ही गांव के कृष्णकांत पांडेय की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था.
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने वर्ष 1983 में ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई. उसके बाद हत्यारोपी हाईकोर्ट से जमानत पर जेल से बाहर आया. जमानत पर बाहर आने के बाद से वह फरार हो गया. इसके बाद कभी अदालत की ओर उसने अपना रुख ही नहीं किया.
कुछ दिन बाद उसने साधु वेश धारण कर लिया और धाता थाना क्षेत्र के बिछियावां मंदिर में पुजारी बनकर रहने लगा. किसी को पता नहीं चला कि मंदिर का पुजारी हत्यारोपी है. पुलिस तथा अदालत से बचने के लिए उसने यह वेशभूषा धारण कर ली थी.
बताते चलें कि करीब 15 दिन पहले पुलिस कप्तान को हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने के निर्देश दिया. इस पर पुलिस कप्तान कलानिधि नैथानी हाईकोर्ट के सामने पेश हुए, जहां उन्हें फटकार लगाई गई. इसके बाद एसपी ने हत्यारोपी को खोज निकालने का प्रण किया.
इसके लिए एसपी खखरेरू थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिसकर्मियों को भी इस काम में लगाया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया. पुलिस टीम कार्य की सराहना करते हुए पुलिस अधीक्षक नैथानी ने दो हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषण करते हुए पुलिस टीम की हौसला अफजाई की.