
आरएसएस समर्थित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इफ्तार पार्टी का आयोजन पार्लियामेंट एनेक्सी में किया जिसमें केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, बीजेपी सांसद एम.जे. अकबर और बीजेपी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन पहुंचे. इनके अलावा बीजेपी शासित राज्यों के कई मुस्लिम मंत्रियों समेत कई मुस्लिम देशों के राजदूतों ने भी इफ्तार दावत में शिरकत की.
उठाया समान नागरिक संहिता का मुद्दा
इफ्तार पार्टी के इस मौके पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक और आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने समान नागरिक संहिता को छेड़ते हुए मुस्लिम समाज के ट्रिपल तलाक के मामले को उठाया. उन्होंने कहा कि अभी तक जितने भी मुस्लिम धर्मगुरुओं के सामने ट्रिपल तलाक की बात की है, उन्होंने यही कहा कि खुदा को तलाक नापसंद था. उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से कहा कि इस पर एक स्वस्थ बहस होनी चाहिए. ज्यादातर धर्मगुरुओं ने उनके सुझाव की प्रशंसा की.
एक समान कानून से सबका होगा विकास
इंद्रेश कुमार यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को ये तय करना होगा कि उनके लिए अलग कानून अच्छा है. सबके लिए एक समान कानून के तहत उनका विकास ज्यादा होगा. दरसअल मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के जरिए मुस्लिमों में एक नई बहस छड़ते हुए इंद्रेश कुमार संघ के एजेंडे को आगे बढ़ा कर समान नागिरक संहिता कानून को लागू करने में सरकार की राह आसान कर रहे है.
भारत को लेकर पाकिस्तान में नहीं अच्छा माहौल
इंद्रेश कुमार ने ये साफ कर दिया कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इस इफ्तार पार्टी में पाकिस्तान को भेजे गए निमंत्रण को इसलिए रद्द कर दिया क्योंकि वहां भारत के खिलाफ माहौल रहता है. उन्होंने ये भी कहा कि 1947 में विभाजन से पहले एक मुस्लिम महिला की एक गवाही मानी जाती थी लेकिन आज पाकिस्तान में एक महिला की गवाही को आधी गवाही माना जाता है. उन्होंने ये भी कहा की पाकिस्तान को ये नहीं भूलना चाहिए कि 7 अलग-अलग संगठन पाकिस्तान से अलग होने की मांग करते रहते है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से संघ ने किया खुद को अलग
वैसे आरएसएस ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से ये कहते हुए किनारा कर लिया है ये एक स्वायत्त संस्था है लेकिन समय-समय पर अगर संस्था को जरूरत पड़ती है तो संघ अपनी राय देता है और संघ ने इसके समन्वय की जिम्मेदारी इंद्रेश कुमार को दी है. कुछ इस प्रकार के तर्क संघ बीजेपी और वीएचपी के लिए भी देता रहा है, लेकिन संघ का बीजेपी और वीएचपी से क्या रिश्ता है, ये बात किसी से छिपा नहीं है. हर कोई इस बात से वाकिफ है कि बीजेपी और वीएचपी किस तरीके से सिर्फ और सिर्फ संघ के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए काम करते हैं. लगता है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से शायद संघ इसलिए दूरी बना रहा है क्योंकि मुस्लिम शब्द आरएसएस की विचारधारा से मेल नहीं खाता है.