
'भारत में समलैंगिकता मुसलमान लेकर आए थे और उन्होंने ही लोगों को धोखा देना और जुआ खेलना सिखाया.' यह बयान किसी अतिवादी संगठन का नहीं, बल्कि छात्रों की मानें तो दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर का है. क्लास में पढ़ाने के दौरान कथित रूप से यह बात कहकर प्रोफेसर साहिबा फंस गई हैं. छात्रों ने उन्हें निकालने की मांग करते हुए मानव संसाधन मंत्रालय और यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को चिट्ठी लिख दी है.
इसके अलावा इसी डिपार्टमेंट की एक प्रोफेसर ने छात्रों से कहा कि वो उन्हें सब गलत पढ़ाएंगी, क्योंकि यह उनकी पहली क्लास है. वहीं तीसरे प्रोफेसर ने बर्तोल्त ब्रेख्त की 'लाइफ ऑफ गैलेलियो' को सिर्फ दो लेक्चर में खत्म कर दिया, जबकि इसमें कई कक्षाओं का समय लगता है. डिपार्टमेंट के इन तीन प्रोफेसरों के पढ़ाने के तरीके से नाराज होकर करीब 200 छात्रों ने वाइस चांसलर से इस बारे में शिकायत कर प्रोफेसरों की नियुक्ति रद्द करने की मांग की है.
नहीं पता घरेलू हिंसा का मतलब!
वीसी को लिखी चिट्ठी में छात्रों ने लिखा है, 'प्रोफेसर बिना बताए आए दिन छुट्टी पर रहती हैं. किसी विषय के बारे में ये प्रोफेसर सही तरीके से नहीं समझा पाते हैं. छात्रों का आरोप है कि प्रोफेसर विषय के बारे में अजीब बातें बताते हैं मसलन, घरेलू हिंसा का मतलब आप अपने घर में नौकरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं या यथार्थवाद (रियलिज्म) वो है जो आप बंद दरवाजों के अंदर करते है.'
डिपार्टमेंट के कई प्रोफेसर भी इसका विरोध कर रहे हैं. प्रोफेसरों का कहना है कि चार साल के प्रोग्राम में समर्थन के चलते इन टीचरों की नियुक्ति हुई है. एक प्रोफेसर ने कहा कि इन प्रोफेसरों की नियुक्ति अजीब है. 2012 में यह डिपार्टमेंट दुनिया के टॉप 100 में शामिल था.