Advertisement

जरूर जायें मुंबई स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर

मुंबई के प्रभादेवी में स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर देश में स्थित सबसे पूजनीय मंदिरों में से एक है. यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है.

श्री सिद्धिविनायक मंदिर श्री सिद्धिविनायक मंदिर
अभिजीत श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2012,
  • अपडेटेड 11:08 PM IST

मुंबई के प्रभादेवी में स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर देश में स्थित सबसे पूजनीय मंदिरों में से एक है. यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है.

मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण 1801 में विट्ठु और देउबाई पाटिल ने किया था. इस मंदिर में गणपति का दर्शन करने सभी धर्म और जाति के लोग आते हैं.

इस मंदिर के अंदर एक छोटे मंडपम में भगवान गणेश के सिद्धिविनायक रूप की प्रतिमा प्रतिष्ठापित की गई है. सूक्ष्म शिल्पाकारी से परिपूर्ण गर्भगृह के लकड़ी के दरवाजों पर अष्टविनायक को प्रतिबिंबित किया गया है. जबकि अंदर की छतें सोने की परत से सुसज्जित हैं.

Advertisement

गर्भ गृह में भगवान गणेश की प्रतिमा अवस्थित है. उनके ऊपरी दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है और नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक (लड्डुओं) भरा कटोरा है. गणपति के दोनों ओर उनकी दोनों पत्नियां रिद्धि और सिद्धि मौजूद हैं जो धन, ऐश्वर्य, सफलता और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने का प्रतीक है. मस्तक पर अपने पिता शिव के समान एक तीसरा नेत्र और गले में एक सर्प हार के स्थान पर लिपटा है. सिद्धिविनायक का विग्रह ढाई फीट ऊंचा होता है और यह दो फीट चौड़े एक ही काले शिलाखंड से बना होता है.

सिद्धिविनायक मंदिर की ऊपरी मंजिल पर यहां के पुजारियों के रहने की व्यवस्था की गई है.

क्या सिद्धिविनायक रूप की महत्ता
सिद्घिविनायक गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है. गणेश जी के जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाईं तरफ मुड़ी होती है वो सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्घिविनायक मंदिर कहलाते हैं. कहते हैं कि सिद्धि विनायक की महिमा अपरंपार है, वे भक्तों की मनोकामना को तुरंत पूरा करते हैं. मान्यता है कि ऐसे गणपति बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं और उतनी ही जल्दी कुपित भी होते हैं.

Advertisement

चतुर्भुजी विग्रह सिद्धिविनायक की दूसरी विशेषता यह है कि वह चतुर्भुजी विग्रह है. इस मंदिर में सिर्फ हिंदू ही नहीं, बल्कि हर धर्म के लोग दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. हालांकि इस मंदिर की न तो महाराष्ट्र के ‘अष्टविनायकों’ में गिनती होती है और न ही ‘सिद्ध टेक’ से इसका कोई संबंध है, फिर भी यहां गणपति पूजा का खास महत्व है.

सिद्ध-पीठ से कम नहीं है महत्व
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के सिद्ध टेक के गणपति भी सिद्धिविनायक के नाम से जाने जाते हैं और उनकी गिनती अष्टविनायकों में की जाती है. महाराष्ट्र में गणेश दर्शन के आठ सिद्ध ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल हैं, जो अष्टविनायक के नाम से प्रसिद्ध हैं. लेकिन अष्टविनायकों से अलग होते हुए भी इसकी महत्ता किसी सिद्ध-पीठ से कम नहीं.

कब जाएं सिद्धिविनायक मंदिर
हालांकि इस मंदिर में रोजाना ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं लेकिन मंगलवार के दिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

मंगलवार को यहां इतनी भीड़ होती है कि लाइन में चार-पांच घंटे खड़े होने के बाद दर्शन हो पाते हैं. हर साल गणपति पूजा महोत्सव यहां भाद्रपद की चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक विशेष समारोह पूर्वक मनाया जाता है. इस मंदिर में अंगारकी और संकाष्ठि चतुर्थी के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

Advertisement

सबसे पहले पूजे जाते हैं गणपति
भगवान गणेश का हिंदूओं में बहुत महत्व है. मान्यता है कि प्रत्येक नवीन कार्य से पूर्व, नए जगह जाने से पहले और नई संपत्ति के अर्जन से पूर्व इनका पूजन अनिवार्य है. यही कारण है कि मुंबई के कई विशिष्ट लोग जैसे बाल ठाकरे, अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर यहां अक्सर आते रहते हैं.

सिद्धिविनाय मंदिर तक एक संकरी गली जाती है जिसे ‘फूल गली’ के नाम से जाना जाता है. यहां बड़ी संख्या में पूजन सामग्री से पटी दुकानें स्थित हैं. यहां दुकानदार पूजन सामग्री तुलसी माला, नारियल, मिष्ठान इत्यादि बेचते हैं.

अमीर मंदिरों में होती है गिनती
46 करोड़ रुपये की वार्षिक आय के साथ मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर, महाराष्ट्र का दूसरा सबसे अमीर मंदिर है. सिद्धिविनायक मंदिर के 125 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा है. मंदिर अपने मशहूर फिल्मी भक्तों के कारण भी प्रसिद्ध है. श्री सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट चढ़ावे के रूप में करीब 10-15 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष पाता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement