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मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले एक और किरदार अभी मिंसिंग है और वो महत्वपूर्ण किरदार है मधु जो अब तक पुलिस की गिरफ्त के साथ-साथ सीबीआई की पकड़ से भी दूर है.
मधु बालिका गृह की ‘सबकुछ’थी. ब्रजेश ठाकुर की खास राजदार भी, लेकिन मधु अभी फरार है. उसका नाम प्राथमिकी में नहीं है, लेकिन उसका जिक्र महिला थाने की केस डायरी में किया गया है. तब से मधु की तलाश पुलिस से लेकर सीबीआई तक करने लगी है.
उसकी गिरफ्तारी के बाद कई बड़े रहस्य उजागर होने की बात कही जा रही है. खास बात कि इस मामले में कुल 11 आरोपियों में से एक आरोपी दिलीप वर्मा भी फरार है.
जांच में एक नया मामला सामने आया है. जांच में पता चला है कि मधु को ‘जिला महिला सम्मान’ का अवार्ड मिलने वाला था. दरअसल किसान चाची समेत कुल तीन महिलाओं को फरवरी 2015 में मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने अवार्ड देने की अनुंशसा की थी.
इन तीन महिलाओं में एक नाम मधु कुमारी का भी था. इसके लिए समाज कल्याण विभाग को पत्र भी जारी किया गया था. ये वही मधु कुमारी थी, जिसकी आज बालिका गृह यौन शोषण मामले में हर किसी को ब्रेसब्री से तलाश है.
जानकारों के मुताबिक 90 के दशक में मधु ब्रजेश ठाकुर के संपर्क में आई. मधु मुजफ्फरपुर के बदनाम चतुर्भुज स्थान स्थित लालटेनपट्टी इलाके में रहती थी. 90 के दशक में लालटेनपट्टी उजड़ने के बाद वह ब्रजेश ठाकुर के संपर्क में आई.
खबर के अनुसार मधु धीरे-धीरे ब्रजेश ठाकुर के काफी करीब आ गई. उस समय ब्रजेश ठाकुर की शादी भी नहीं हुई थी. यह भी कहा जाता है कि ब्रजेश के एनजीओ के लिए मधु अफसरों के बीच लाइजनिंग का काम करती थी. बाद में मधु ने उसी इलाके में अपनी जमीन ली और घर बनाया. मोहल्ले के ही एक लड़के से विवाह किया.
मधु के माध्यम से ब्रजेश ठाकुर अपने काम निकलवाते रहे. इतना ही नहीं, चतुर्भुज स्थान में ही वामा शक्ति वाहिनी के नाम से एक और स्वयंसेवी संगठन बनाया और मधु को इसका निदेशक बना दिया.
टिस्स की संस्था कोशिश जब बालिका गृह में जांच के लिए गई तो मधु उस समय काफी एक्टिव थी. माना जाता है कि ब्रजेश ठाकुर के बाद संस्था में उसी का स्थान था. ऐसे में मधु बालिका गृह की सबसे बड़ी राजदार हैं पुलिस और सीबीआई उसकी बड़ी बेसब्री से तलाश कर रही है.