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देश, विदेश, मीडिया और विपक्ष के लगातार चौतरफा हमले झेल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरकार साफ कर दिया कि उनकी सरकार किसी भी तरह की धार्मिक हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी. और ऐसा करने वालों को सख्त कार्रवाई का सामना करना होगा. मोदी ने कहा, 'मेरी सरकार किसी धार्मिक समूह के सरेआम या छिपकर किसी भी तरह की हिंसा की बर्दाश्त नहीं करेगी.'
देशभर में लव जिहाद, घर वापसी और धार्मिक जगहों पर हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुप्पी साधने के आरोप लग रहे थे. यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि भारत की धार्मिक असहिष्णुता का आलम यह है कि महात्मा गांधी देख लें तो स्तब्ध रह जाएंगे. अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी संपादकीय में नरेंद्र मोदी की चुप्पी को खतरनाक बताया था.
ओबामा की उस टाउनहॉल स्पीच के 10-12 दिन बाद नरेंद्र मोदी को जवाब देने की सूझी. या फिर हो सकता है कि वो अमेरिकी राष्ट्रपति को जवाब देने के लिए सही मंच तलाश रहे थे. फिर जैसे ही मौका मिला, पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया कि उनकी सरकार का धार्मिक हिंसा पर क्या एजेंडा है.
मंगलवार को दिल्ली में संतों के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, 'संविधान में हर धर्म के लिए सम्मान है और भारत में लोगों को धार्मिक आस्था की पूरी आजादी है. सभी धर्मों के प्रति आदर-सम्मान रखना ही हमारी सही पहचान है.'
पिछले साल वेटिकन सिटी में दो भारतीयों को संतों का दर्जा मिलने पर उनके सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.