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क्लीवेज विवाद पर दीपिका पादुकोण ने फेसबुक पर लिखी पोस्ट

बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को कितना गुस्सा आ सकता है इसका अंदाजा 14 सितंबर की उनकी ट्वीट्स को पढ़कर लग गया था.

दीपिका पादुकोण दीपिका पादुकोण
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2014,
  • अपडेटेड 11:41 PM IST

बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को कितना गुस्सा आ सकता है इसका अंदाजा 14 सितंबर की उनकी ट्वीट्स को पढ़कर लग गया था. एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार की फूहड़ 'खबर' का ट्विटर पर उन्होंने ऐसा जवाब दिया कि पढ़ने वाले दंग रह गए. अब दीपिका ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली है जिसे पढ़कर उनके प्रति सम्मान और बढ़ जाएगा.

'माइ प्वॉइंट ऑफ व्यू' नाम से इस पोस्ट में दीपिका ने लिखा- 'एक महिला शारीरिक संबंध बनाने के लिए राजी है इसका सिर्फ एक ही इशारा है कि जब वो 'हां' बोले.

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सबको पता है कि देश में एक तय समाज की सोच बदलने के लिए हम कितने जोरदार तरीके से कोशिश कर रहे हैं और इसके सहारे कैसे हम एक ऐसी खुशहाल दुनिया की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें असमानता, रेप, डर और दर्द जैसी चीजें न हों. मुझे अच्छे से अपने काम के बारे में पता है, मेरा काम बहुत डिमांडिंग है जो मुझसे बहुत कुछ करवाना चाहता है. किसी रोल की मांग हो सकती है कि मैं सिर से पैर तक कवर रहूं या पूरी तरह नग्न हो जाऊं और तब एक एक्टर के तौर पर यह मेरा निर्णय होगा कि मैं यह करना चाहती हूं या नहीं. यह फर्क समझना होगा कि रोल और रियल में अंतर होता है और मेरा काम मुझे दिए गए रोल को अच्छी तरीके से निभाना है.
पढ़ें: दीपिका ने पूछा, 'मैं महिला हूं, मेरे ब्रेस्ट हैं, आपको प्रॉब्लम?'

जो मुझे लगता है वो मैं साफतौर पर लिख रही हूं जिससे इसे शाहरुख के एटपैक्स और किसी महिला के शरीर की बनावट के साथ उलझाया ना जाए. मैंने एक ऐसी विचारधारा के खिलाफ आवाज उठाई है जो हमें पीछे ढकेल रही है और जिसका सहारा लोगों का ध्यान खींचने के लिए किया जा रहा है वो भी ऐसे दौर में जब हम महिलाओं के लिए समानता की लड़ाई लड़ रहे हैं. एक ऐसे वक्त में जब महिलाएं पुरुषों के वर्चस्व वाले समाज में जगह बना रही हैं और जिसके लिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए, हम असल जिंदगी और सिनेमा के बीच की रेखा को मिटा रहे हैं और एक साल पुरानी बात को खबर की तरह पेश करके अपनी सारी कोशिशें खराब कर रहे हैं. एक पुरानी खबर निकालकर उसकी हेडलाइन 'OMG: दीपिका क्लीवेज शो' देना पिछड़ी सोच को बढ़ावा देकर ताकत का गलत इस्तेमाल करना है.

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अगर किसी एक्ट्रेस के कपड़े इधर-उधर हो जाएं, तो ऐसा नहीं मान लिया जाना चाहिए कि उसने जानबूझ कर ऐसा किया होगा. ऐसे में कैमरे को जूम करने और उस विशेष हिस्से को गोल घेरे में डालने और उस पर खास ध्यान दिलवाने के लिए तीर का निशान बनाने से बेहतर होगा कि हम उस एक्ट्रेस को थोड़ा सम्मान दें और ऐसी बातों को जाने दें ना कि उन पर हेडलाइन बनाएं. क्या हम इंसान नहीं हैं? हां, ऐसा है कि फिल्मों में हम हीरो के एटपैक एब्स को देखकर खुश होते हैं, जलते हैं लेकिन जब वो हीरो पब्लिक में आता है तो क्या हम उसके क्रॉच (दोनो जांघों के बीच का हिस्सा) पर कैमरा जूम करके ऐसी ही सस्ती हेडलाइन बनाते हैं?'

मैं कभी भी किसी रोल को निभाने से भागी नहीं हूं और ना ही मुझे अपने शरीर को लेकर बनाई गई खबरों से कोई दिक्कत है. मैं अपनी आने वाली फिल्म में एक बार डांसर का किरदार निभा रही हूं. (ये बात सार्वजनिक करने के लिए फराह खान से माफी मांगती हूं.)

ब्रेस्ट या शरीर के किसी और हिस्से पर खबर बनने की बात नहीं है. मुद्दा ये है कि खबर किस संदर्भ में बनाई जा रही है या खबर को बेचने के लिए उसका संदर्भ कितना बदला जा रहा है. वो भी ऐसे में जबकि महिलाओं को लेकर सोच में बदलाव की बहुत जरूरत है. मेरे लिए यह बात यहीं खत्म हो जाती है. हर किसी को अपना विचार रखने का अधिकार है. मुझे लगता है अगर इसको और लंबा खींचा तो इस मुद्दे को गैरजरूरी तवज्जो मिल जाएगा. इसे और तोड़ा-मरोड़ा जा सकता है जिससे और उल्टी-सीधी खबरें बन सकती हैं.

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Live well, laugh often and love much.

Deepika Padukone'

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