
इंग्लैंड के खिलाफ पांच एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला के पहले दो मैचों के लिए भारतीय टीम में शामिल जालंधर के स्पिन गेंदबाज राहुल शर्मा का कहना है कि हैदराबाद में शुरू हो रही इस श्रृंखला में मेहमान टीम के बल्लेबाज केविन पीटरसन उनके निशाने पर होंगे.
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जयपुर में संपन्न ईरानी ट्राफी मैच के बाद जालंधर स्थित अपने घर आए राहुल ने कहा, ‘केविन पीटरसन ऐसे बल्लेबाज हैं जो गेंदबाजों को खुद पर हावी नहीं होने देते. मैं उन्हें आउट करने की पूरी कोशिश करूंगा. मैं चाहूंगा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मुझे पहला विकेट पीटरसन के रूप में मिले.’
आगामी श्रृंखला से पहले जालंधर के बर्लटन पार्क में जमकर पसीना बहाने वाले राहुल ने कहा, ‘पीटरसन आक्रामक खिलाडी हैं और गेंदबाजों को असहज स्थिति में लाने में कोई कसर नहीं छोड़ते लेकिन इस श्रृंखला में वह मेरे निशाने पर होंगे. श्रृंखला में मेरी कोशिश होगी कि अधिक से अधिक बार उन्हें आउट करूं.’
टीम इंडिया में ‘टर्बनेटर’ के नाम से विख्यात हरभजन सिंह को अपना प्रेरणास्रोत बताने वाले इस 24 वर्षीय गेंदबाज ने कहा, ‘मैं पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने जा रहा हूं. इसलिए मैंने अपने लिए कोई खास लक्ष्य नहीं रखा है. मैं अपना स्वाभाविक खेल खेलूंगा और टीम को सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा. हालांकि मेरी ख्वाहिश पीटरसन को आउट करने की है.’
भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले लेग स्पिनर अनिल कुंबले से काफी कुछ सीखने वाले राहुल ने कहा, ‘कुंबले, युवराज, भज्जी और एडम गिलक्रिस्ट से काफी कुछ सीखने को मिला है. इन खिलाडियों ने हमेशा मेरी मदद की. अनिल कुंबले से खास तौर से गेंदबाजी की टिप्स मिली जो मेरे लिए काफी कारगर साबित हुआ.’
यह पूछे जाने पर कि भारत की ओर से क्रिकेट खेलने के बारे में पहली बार कब और कैसे सोचा, शर्मा ने कहा, ‘मैं बर्लटन पार्क में अभ्यास करने जाता था . वहां मैं हरभजन सिंह को खेलते देखता था. जब मुझे पता चला कि हरभजन का चयन भारतीय टीम हो गया है तभी से मेरे मन में भी यह बात बैठ गयी कि टीम इंडिया की ओर से खेलना है और मैं भज्जी को अपना रोल मॉडल मानने लगा.’
जालंधर के बर्लटन पार्क में घंटों अभ्यास करने वाले राहुल ने कहा, ‘मैं बल्लेबाजी पर भी ध्यान दे रहा हूं. लेकिन मुझे अभी तक इसमें कुछ कर दिखाने का मौका नहीं मिला है लेकिन मौका मिला तो साबित करूंगा.’
शहर के बाहरी इलाके में स्थित अपने मोहल्ले की गलियों से क्रिकेट की शुरूआत करने वाले इस खिलाडी ने कहा, ‘यहां तक आने में मां के साथ और उनके आशीर्वाद की सबसे बड़ी भूमिका है. इसके अलावा टीम में चयन के लिए सचिन तेंदुलकर की सिफारिश का भी बड़ा योगदान है.’ जालंधर के डीएवी कालेज से स्नातकोत्तर कर रहे राहुल ने कहा, ‘पिताजी ने हमेशा पढ़ाई करने और पुलिस अधिकारी बनने के लिए दवाब डाला . वह क्रिकेट के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे लेकिन इस मौके पर मां ने काफी साथ दिया.’