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'बेहतर बेगम बनाने के लिए कब्रिस्तान में मेरी खाला का उनके शौहर ने किया रेप'

यह कहानी एक औरत की है, जिसे उसके शौहर ने 'बेहतर बेगम' बनाने की जिद्द में एक जिंदा लाश बना दिया. पढ़िए इस लड़की की खाला पर उसके शौहर और परिवार ने कैसे-कैसे जुल्म ढाए.

'बेहतर बेगम' बनने की सजा 'बेहतर बेगम' बनने की सजा
सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 8:36 AM IST

जब मैं अपनी यादों में झांकती हूं, तो घरेलू हिंसा और पीड़ा की कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं, जिन्हें याद रखना भी काफी डरावना लगता है. मेरे दिमाग में सालों पहले की गई सभी बातें एक बार फिर दोहराई जाती हैं.

एक दिन मेरे दादाजी ने मुझे मुस्कुराते हुए देखा और दुआ मांगी कि मेरी शादी एक अच्छे घर में हो जाए और मेरा हाल जुगनू खाला जैसा न हो. जब मैंने उनसे इस बात का मतलब पूछा, तो वे खाला के शौहर के बारे में भला-बुरा कहने लगे.

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एक पीर ने बर्बाद की जुगनू की जिंदगी
सालों बाद जब दादाजी दुनिया में नहीं रहे, तब एक दिन मेरे अब्बू जुगनू खाला के शौहर पर बिगड़ने लगे और मेरी अम्मी ने उन्हें चुप रहने का इशारा किया. अब्बू ने अम्मी की बात न मानते हुए कहा कि जुगनू की जिंदगी उस पीर ने बर्बाद कर दी.

जुगनू को अपने हिसाब से सब्मिसिव बनाने के चाहत रखने वाले उनके शौहर उन्हें एक पीर के पास ले गए. उस पीर ने खाला का खाना बंद करा दिया और खाला के साथ कब्रिस्तान में संबंध बनाने की सलाह दे डाली. खाला के पागल शौहर ने कब्रिस्तान में उनका रेप किया, पर खाला शौहर की 'बेहतर बेगम' न बन सकी.

एक हफ्ते तक पीर के पास रही जुगनू
खाला के शौहर को शांत करने के लिए पीर ने जुगनू खाला को एक हफ्ते तक खुद के पास छोड़ने को कहा और खाला के शौहर ऐसा करने के लिए मान भी गए. एक हफ्ते बाद जुगनू खाला अपने शौहर के हिसाब से 'बेहतर बेगम' बन चुकी थी, जिनके साथ वो कुछ भी कर सकते थें.

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डॉक्टरों की भाषा में खाला डिप्रेशन की शिकार हो चुकी थी. खाला की हालत और भी खराब हो गई, जब परिवार ने भी उनकी मदद करने से इनकार कर दिया. यह बात परिवार में ही रहे इसलिए बाहर इन बातों का किसी को पता नहीं चलने दिया गया.

घर से भाग आई थीं खाला
मैं उस वक्त पांच साल की थी, जब मेरी जुगनू खाला अपने घर से भागकर आई थी. खाला की हालत इतनी खराब थी कि वो सीधा खड़ी भी नहीं हो पा रही थी और उनका शरीर पीला पड़ चुका था. घर के लोगों ने उन्हें किसी तरह बिस्तर पर लेटा दिय और वो बेहोश हो गई.

अचानक खाला 'बाबा-बाबा' कहकर चिल्लाने लगी और बाबा के पास उन्हें ना ले जाने की बात कहकर रोने रही थी. सभी ने उन्हें बताया कि वहां कोई बाबा नहीं है. मेरी खाला ने जब मुझे देखा, तो मेरे माथे को चूमकर मेरी मां से हमेशा मेरा ख्याल रखने का वादा लिया. खाला रो रहीं थीं और उनका चार का बेटा चुपचाप अपनी मां को इस हालत में एकटक देखे जा रहा था.

25 सालों बाद खाला से फिर हुई मुलाकात
एक पारिवारिक कार्यक्रम में हम सब 25 साल बाद फिर मिले और सब कुछ बदल चुका था. मेरी खाला अपने शौहर और तीन बच्चों के साथ आई थी. अब वो दो बेटों और एक बेटी की मां बन चुकी थी. खाला बहुत बदल चुकी थी, इतनी कि मैं उन्हें एक बार पहचान ही नहीं पाई. खाला अब बहुत कम बोलती थी. उनके हाथ, पैर और चेहरे पर हर जगह सूजन थी और वो नौ महीने प्रेग्नेंट लग रही थी, पर ऐसा नहीं था.

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कुछ न कह सकी खाला
जितने भी लोग वहां आए, सबने खाला का हाल पूछा और वो सिर्फ मुस्कुराई. खाला के शौहर कमरे में जोर-जोर से हंस रहे थे और खाला को अपना ख्याल रखने की हिदायत दे रहे थें. खाला जहां बैठी थी, पांच घंटों तक बिना हिले लगातार वहीं बैठे रह गईं.

...जब मदद के लिए कोई नहीं आया
उस रात 25 साल पहले जब खाला घर से भागकर आई थी, तो परिवार वालों ने जबरदस्ती उन्हें एक हफ्ते में ही वापस भेज दिया था. खाला के शौहर ने अपने ही बेटे को किडनैप कर लिया था. उनके वापस ना आने पर बेटे को नुकसान पहुंचाने की धमकी मिलने के बाद खाला के पास कोई रास्ता नहीं बचा था. यहां तक कि खाला का अपना परिवार भी उनकी मदद नहीं कर सका था.

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