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भारत के दावे पर म्यांमार का इनकार, कहा- भारतीय फौज ने अपनी सीमा में किया मिलिट्री ऑपरेशन

म्यांमार ने इस बात से इनकार किया है कि भारत के सुरक्षा बलों ने उसकी सीमा के भीतर आकर उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. म्यांमार ने कहा है कि मिलिट्री ऑपरेशन भारत-म्यांमार बॉर्डर पर भारत की सीमा के भीतर ही हुआ.

ये हैं ऑपरेशन को अंजाम देने वाले कमांडो ये हैं ऑपरेशन को अंजाम देने वाले कमांडो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2015,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST

म्यांमार ने इस बात से इनकार किया है कि भारत के सुरक्षा बलों ने उसकी सीमा के भीतर आकर उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. म्यांमार ने कहा है कि मिलिट्री ऑपरेशन भारत-म्यांमार बॉर्डर पर भारत की सीमा के भीतर ही हुआ.

म्यांमार के राष्ट्रपति कार्यालय के निदेशक जॉ हते (Zaw Htay) ने कहा, 'हम अपनी धरती पर किसी तरह की विद्रोही गतिविध‍ि को स्वीकार नहीं करेंगे, जो पड़ोसियों पर हमला करके मुसीबत खड़ी करे.'

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इससे पहले, भारत की ओर से दावा किया गया था कि भारतीय सुरक्षा बलों ने म्यांमार की सीमा में घुसकर उग्रवादियों का सफाया किया. म्यांमार में घुसकर मणिपुर हमले का बदला लेने पर सरकार वाहवाही भी लूट रही थी.

मिलिट्री ऑपरेशन के बारे में दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश से लौटते ही सेना को इस ऑपरेशन के लिए हरी झंडी मिली, जिसके बाद सीमा लांघकर फौज ने 38 उग्रवादियों को ढेर कर डाला.

ऑपरेशन में 38 उग्रवादियों की मौत
रिपोर्ट के मुताबिक, इस ऑपरेशन में 38 उग्रवादियों को मार गिराया गया, जबकि सात अन्य घायल हुए. गौरतलब है कि मणिपुर के चंदेल इलाके में 4 जून को उग्रवादियों ने घात लगाकर भारतीय जवानों पर हमला किया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के कुछ घंटों बाद अपनी तरह के इस पहले अभियान की योजना बनाई गई और 7 जून की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश से लौटने के बाद इस योजना पर उनकी मंजूरी ली गई.

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ऐसे बना ऑपरेशन का प्लान...
सूत्रों के मुताबिक, 4 जून को गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, एनएसए अजीत दोभाल, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में यह चर्चा हुई कि उग्रवादी कैंप पर अगले ही दिन हमला होना चाहिए. हालांकि सेना प्रमुख ने इतने कम समय में हमला करने में अपनी अक्षमता जताई. आमतौर पर इस तरह का अभियान 72 घंटों के अंदर पूरा किया जाता है, लेकिन यह फैसला किया गया कि हमला जल्द से जल्द होगा. इसी के मुताबिक, पूरे ऑपरेशन का अंजाम दिया गया.

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