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क्या नगालैंड में दोस्ताना जंग का BJP को होगा फायदा?

राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी ने सत्ता विरोधी लहर से बचने और एक प्रबल चेहरे के साथ सत्ता में वापस आने के लिए एनडीपीपी के साथ गठबंधन किया. वहीं, दूसरी वजह यह भी है कि बीजेपी यह दर्शाने की कोशिश कर रही है कि दशकों से चली आ रही नागा समस्या का पीएम मोदी ही समाधान कर सकते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सीएम उम्मीदवार निफियू रिओ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सीएम उम्मीदवार निफियू रिओ
आदित्य बिड़वई
  • कोहिमा ,
  • 03 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 8:40 AM IST

नगालैंड में 60 विधानसभा सीटों के चुनावी नतीजे कुछ ही देर में आ जाएंगे. बता दें कि यहां पिछले कुछ सालों से नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) का दबदबा रहा है, लेकिन इस बार यहां के चुनाव को राजनीतिक पार्टियों के बीच दोस्ताना जंग के रूप में देखा जा रहा है. क्योंकि इस बार बीजेपी यहां नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है.

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दरअसल, 2016 में हुए नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस के तहत बीजेपी तो नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के साथ सरकार में पहले से ही है. लेकिन नगालैंड चुनाव में एनपीएफ की प्रतिद्वंदी पूर्व मुख्यमंत्री निफियू रिओ की पार्टी एनडीपीपी के साथ गठबंधन में भी है. ऐसे में यदि सरकार किसी की भी बनती है तो फायदा सीधे-सीधे बीजेपी को मिलेगा.

बात दें कि कुछ समय पहले ही नगा पीपुल्स फ्रंट से अलग होकर निफियू रिओ ने नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी बनाई है.

राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी ने ऐसा कदम इसलिए उठाया क्योंकि नगालैंड के चुनावों में राजनीतिक दलों से ज्यादा बोलबाला व्यक्तित्व का रहा है. यही वजह है कि चुनाव के ऐलान के ठीक बाद बीजेपी ने एनपीएफ नेता और मुख्यमंत्री टीआर जेलिआंग का साथ छोड़कर एनडीपीपी के साथ गठजोड़ कर लिया.

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एनपीएफ पिछले एक दशक में (पहले रियो और फिर जेलिआंग) बीजेपी के साथ सत्ता में है और केंद्र में एनडीए सरकार में शामिल है. दिलचस्प बात तो यह है कि बीजेपी का साथ छोड़ने के बावजूद जेलिआंग ने अब तक नगालैंड सरकार से मंत्रियों को नहीं हटाया है.

एनडीपीपी के साथ क्यों है बीजेपी...

राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी ने सत्ता विरोधी लहर से बचने और एक प्रबल चेहरे के साथ सत्ता में वापस आने के लिए एनडीपीपी के साथ गठबंधन किया. वहीं, दूसरी वजह यह भी है कि बीजेपी यह दर्शाने की कोशिश कर रही है कि दशकों से चली आ रही नगा समस्या का पीएम मोदी ही समाधान कर सकते हैं.

क्यों नेइफियू रिओ ही पसंद ?

कहा तो यह भी जाता है कि एनडीपीपी के निफियू रिओ को प्रधानमंत्री मोदी नगालैंड के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक मानते हैं. उनके पास राजनीतिक अनुभव अच्छा ख़ासा है. वे साल 2003 से 2014 तक लगातार तीन बार नगालैंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. ऐसे में बीजेपी को व्यक्तिगत उम्मीदवारों से फायदा होता दिख रहा है.

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