
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर नागेश्वर राव की बतौर सीबीआई के अंतरिम निदेशक पद पर नियुक्ति पर सवाल खड़े किए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर गुरुवार को सुनवाई करेगा. हालांकि, इस केस की सुनवाई करने से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मना कर दिया है.
चीफ जस्टिस ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए जस्टिस एके सीकरी को जिम्मेदारी सौंपी है. इस मामले की सुनवाई दो जजों की पीठ करेगी. बता दें कि इससे पहले चीफ जस्टिस ने जस्टिस सीकरी को ही आलोक वर्मा के मामले की सुनवाई करने की जिम्मेदारी दी थी.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कहना है कि 24 जनवरी को उन्हें नए सीबीआई निदेशक के चयन के लिए होने वाली बैठक में जाना है, इसलिए वह सुनवाई नहीं कर पाएंगे. यही कहते हुए उन्होंने जस्टिस एके सीकरी को ये जिम्मेदारी सौंपी.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को केंद्र सरकार द्वारा छुट्टी पर भेजे जाने को गलत ठहराया था और उन्हें पद पर बहाल किया था. जिसके बाद सेलेक्ट कमेटी ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटा दिया था, तभी से ही नागेश्वर राव सीबीआई के अंतरिम निदेशक बने हुए हैं.
आपको बता दें कि सीबीआई में दो शीर्ष अफसरों के बीच रार का मामला बीते काफी समय से चर्चा में था. केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को लंबी छुट्टी पर भेज दिया था, लेकिन आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इस गलत ठहराया था. हालांकि, कोर्ट ने आलोक वर्मा पर लगे आरोपों को देखते हुए उनके भविष्य पर निर्णय करने की छूट सेलेक्ट कमेटी को दी थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी (CJI द्वारा मनोनीत) की कमेटी ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था. आलोक वर्मा का कार्यकाल 31 जनवरी को पूरा हो रहा था.