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क्लाइमेक्स की ओर महाराष्ट्र का 'मैच', मोहन भागवत से फडणवीस ने किया घंटे भर मंथन

मंगलवार देर शाम नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की. इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर सस्पेंस के बीच मुंबई में अपने आवास पर बीजेपी कोर कमेटी की आपात बैठक बुलाई थी.

नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में हुई मुलाकात नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में हुई मुलाकात
aajtak.in
  • नागपुर,
  • 05 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:33 AM IST

  • संघ मुख्यालय में सीएम फडणवीस ने की मुलाकात
  • सीएम ने मुंबई में BJP कोर कमेटी की बैठक बुलाई थी

महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. शिवसेना और बीजेपी अपने-अपने जिद पर अड़े हैं, इसी का नतीजा है कि अभी तक राज्य में सरकार का गठन नहीं हो सका है. कांग्रेस-एनसीपी मौके को भांपने में जुटे हैं और अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं. ऐसे में महाराष्ट्र के सियासी मुकाबले में क्लाइमेक्स बना हुआ है.

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मंगलवार देर शाम नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की. इस दौरान कार्यकारी प्रमुख भैयाजी जोशी व अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे. इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर सस्पेंस के बीच मुंबई में अपने आवास पर बीजेपी कोर कमेटी की आपात बैठक बुलाई थी.

शिवसेना से कोई प्रस्ताव नहीं आया

भाजपा महाराष्ट्र अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, 'हमें अब तक सरकार के गठन पर शिवसेना से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. हम इंतजार कर रहे हैं और हमारे दरवाजे उनके लिए 24 घंटे खुले हैं. हम जल्द से जल्द 'महा-यति' की नई सरकार बनाएंगे.'

उन्होंने दोहराया कि निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में शिवसेना और अन्य सहयोगी दलों के साथ भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ही शपथ लेगी. पाटिल मंगलवार की दोपहर भाजपा राज्य कोर कमेटी की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे. यह बैठक फडणवीस की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कई मंत्रियों और अन्य शीर्ष नेताओं ने भाग लिया.

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बीजेपी-शिवसेना ने एक साथ लड़ा था विधानसभा चुनाव

बता दें कि बीजेपी और शिवसेना ने एक साथ महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव लड़ा था. 24 अक्टूबर को आए नतीजों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका और बीजेपी 105 सीटों पर सिमट गई, जबकि शिवसेना 56 सीटें जीतने में कामयाब रही. दोनों दलों के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त विधायक हैं, लेकिन दोनों ही दल 50-50 फॉर्मूले को अपने-अपने हिसाब से आगे रख रहे हैं और सत्ता में भागीदारी को लेकर चल रही खींचतान के चलते अब तक सरकार का गठन नहीं हो पाया है.

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