
महाराष्ट्र के भंडारा गोंदिया लोक सभा सीट से बीजेपी के सांसद नानाभाऊ पटोले ने इस्तीफा दे दिया है. पटोले ने इस्तीफा देने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है. बता दें कि ये पहला मामला नहीं है, जब पटोले ने बगावत कर इस्तीफा सौंपा है. भारतीय राजनीति में करीब तीन दशक बिताने वाले नानाभाऊ पटोले की छवि एक बागी के तौर पर ही उभरी है.
कांग्रेस में जारी रहा आना-जाना
पहले शिवसेना से किनारा करने वाले पटोले ने कांग्रेस का दामन थामा, लेकिन 1992 में भंडारा जिल्हा परिषद के चुनाव में पार्टी उम्मीदवार मधुकर लीचड़े के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की. हालांकि जल्द ही वे फिर से कांग्रेस लौट आए और इसके बाद 1995 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़ दी.
लाखांदूर निर्वाचन क्षेत्र से नानाभाऊ पटोले पार्टी प्रत्याशी प्रमिला के खिलाफ खड़े जरूर हुए, लेकिन जीत बीजेपी के दयाराम की हुई. कांग्रेस में वापसी के साथ पटोले ने 1999 और 2004 के विधानसभा चुनाव में लाखांदूर जीत हासिल की. साल 2009 में किसानों और विदर्भ के विकास के मुद्दे पर पटोले ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और दूसरा स्थान हासिल किया. इस चुनाव में एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल की जीत हुई, जबकि बीजेपी सांसद रहे शिशुपाल पटले तीसरे नंबर रहे.
बीजेपी में ज्वॉइन कर जीता चुनाव
इसके बाद पटोले ने बीजेपी ज्वॉइन कर ली और 2009 के विधानसभा चुनाव में सकोली सीट से जीत हासिल की. पटोले को विधानसभा में बीजेपी की उपनेता चुन लिया गया. 2014 के लोकसभा चुनाव में पटोले ने एनसीपी उम्मीदवार प्रफुल्ल पटेल को हराया.
पीएम मोदी पर पटोले के आरोप
साढ़े तीन साल बाद नानाभाऊ पटोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने लगे. सितंबर में पटोले ने नागपुर में हुए एक कार्यक्रम में आरोप लगाया कि पीएम मोदी किसी की भी बात नहीं सुनते और पार्टी बैठक में पीएम ने उन्हें उस वक्त अपनी बात नहीं रखने दी थी, जब वो किसानों का मुद्दा उठा रहे थे.
बीते तीन माह से पटोले महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार पर हल्ला बोल रहे हैं. पीएम मोदी और सीएम देवेंद्र फडनवीस लगातार उनके निशाने पर रहे हैं. अकोला में पूर्व वित्त मंत्री व वरिष्ठ बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा द्वारा आयोजित किसान आंदोलन में भी पटोले शामिल हुए थे.
'पटोले का कोई सगा नहीं'
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता का कहना है कि नानाभाऊ पटोले कभी किसी पार्टी के वफादार नहीं रहे. कांग्रेस नेता ने कहा कि किसानों का मुद्दा सिर्फ एक दिखावा है, पटोले मंत्री पद की चाहत रखते हैं और बीजेपी द्वारा नजरअंदाज करने पर उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.
स्वागत को तैयार कांग्रेस
महाराष्ट्र में कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण ने कहा, 'हम पटोले का स्वागत करते हैं क्योंकि राजनीति में हमें लीक से हटकर सोचना होता है.'