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अब ST कमीशन के अध्यक्ष बोले- हनुमान दलित नहीं, अनुसूचित जनजाति से

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान में प्रचार के दौरान हनुमान को दलित बताया था. अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित करार दिया था.

अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय
वरुण शैलेश
  • लखनऊ,
  • 29 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से हनुमान को दलित बताए जाने के बाद शुरू हुई बहस थम नहीं रही है. अब अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने कहा है कि अनुसूचित जनजाति में हनुमान एक गोत्र होता है. हनुमान जी दलित नही हैं अनुसूचित जनजाति के हैं.

एक बैठक में हिस्सा लेने लखनऊ पहुंचे नंद कुमार साय ने गुरुवार को कहा, 'जनजातियों में हनुमान एक गोत्र होता है. मसलन तिग्गा है. तिग्गा कुड़ुक में है. तिग्गा का मतलब बंदर होता है. हमारे यहां कुछ जनजातियों में साक्षात हनुमान भी गोत्र है, और कई जगह गिद्ध गोत्र है. जिस दंडकारण्य में भगवान (राम) ने सेना संधान किया था, उसमें ये जनजाति वर्ग के लोग आते हैं तो हनुमान दलित नहीं जनजाति के हैं.'

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान में प्रचार के दौरान हनुमान को दलित बताया था. अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित करार दिया. योगी ने कहा कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिर वासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं.

सीएम योगी के बयान पर राजस्थान ब्राह्मण सभा ने त्यौरियां चढ़ा ली हैं. ब्राह्मण सभा ने हनुमान जी को जाति में बांटने का आरोप लगाते हुए योगी आदित्यनाथ को कानूनी नोटिस भेजा है.

जनजातियों के मुद्दों पर की चर्चा

बहरहाल, नंद कुमार साय ने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन के साथ हुई बैठक में यूपी के जनजातियों को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इसमें जाति प्रमाण पत्र और आदिवासी समाज के कल्याण के केंद्र सरकार की तरफ से आवंटित होने वाले बजट पर चर्चा हुई. साय ने बताया कि उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि उन अधिकारियों की पहचान की जाए जो जनजाति वर्ग के लोगों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बना रहे हैं. उन्हें दंडित किया जाए. इस बैठक में यूपी के मुख्य सचिव भी शामिल थे.

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बैठक में चीफ सेक्रेटरी सहित सभी अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक में प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में जनजाति के प्रगति पर चर्चा की गई. केंद्र से जो फंड आ रहे हैं उसके उपयोग और शिक्षा की स्थिति जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहे, इन समस्त बिंदुओं की समीक्षा की गई.

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