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योजना आयोग की जगह लेगा मोदी का स्पेशल-5 पैनल, शिवसेना के सुरेश प्रभु होंगे मुखिया

जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग को खत्म करने की बात कही है, तब से इसकी वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं. अंग्रेजी अखबार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शक्तियां लेने वाला पांच सदस्यीय थिंक टैंक योजना आयोग की जगह लेगा.

PM Narendra Modi PM Narendra Modi
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2014,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST

जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग को खत्म करने की बात कही है, तब से इसकी वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं. अंग्रेजी अखबार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शक्तियां लेने वाला पांच सदस्यीय थिंक टैंक योजना आयोग की जगह लेगा.

अखबार ने सूत्रों के हवाले से संभावना जताई है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु इस पैनल का सबसे अहम चेहरा हो सकते हैं. साथ ही मुक्त बाजार के हिमायती भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया और विवेक देबरॉय भी इस टीम का हिस्सा हो सकते हैं. आधिकारिक रूप से पैनल की अध्यक्षता प्रधानमंत्री ही करेंगे. अखबार ने चर्चा में शरीक रहे अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि इस पैनल का ऐलान सोमवार को या अगले दो दिनों में ही किया जा सकता है.

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दो नाम अभी फाइनल होने बाकी!
विस्तृत विज्ञान और तकनीकी विशेषज्ञता वाला एक अकादमिक व्यक्ति, जो संभवत: आईआईटी से होगा और संघ परिवार की सोच से इत्तेफाक रखने वाला सामाजिक विज्ञान का एक विशेषज्ञ भी पैनल में हो सकता है. हालांकि इन दोनों पदों के लिए अभी नाम सामने नहीं आए हैं. सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर अखबार को बताया कि विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के विशेषज्ञों के नाम फाइनल होने की प्रक्रिया में हैं.

मोदी के पुराने भरोसेमंद लोग होंगे टीम में!
देबरॉय और पनगढ़िया दोनों ही चुनाव से पहले से नरेंद्र मोदी की सलाहकार टीम में रहे हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने अखबार को बताया कि अब पैनल का नाम सोचा रहा है. चीन के डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म्स कमिशन से अलग एक नाम खोजा जा रहा है. पैनल में सदस्यों की संख्या पर अधिकारी ने कहा कि एक राय यह भी थी कि ज्यादा सदस्य होंगे तो जाति और प्रदेश जैसे प्रतिनिधित्ववादी राजनीतिक मुद्दों को उपयुक्त जगह मिल सकेगी. हालांकि एक छोटा और दक्ष पैनल ज्यादा लोगों की पसंद बताया जा रहा है, क्योंकि वह मौजूदा आठ सदस्यीय योजना आयोग से अलग होगा. अधिकारी ने बताया कि थिंक टैंक के पास दूसरे क्षेत्रों से विशेषज्ञ लेने का अधिकार होगा. साथ ही अभी विस्तृत दिशा-निर्देश भी अभी तय किए जाने हैं.

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कौन हैं सुरेश प्रभु?
सुरेश प्रभु पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेट्स ऑफ इंडिया के सदस्य हैं. वह एनडीए सरकार के अलग-अलग कार्यकाल में केंद्रीय उद्योग मंत्री और पर्यावरण व वन मंत्री रह चुके हैं. मोदी सरकार ने उन्हें 'एडवाइजरी ग्रुप फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ पावर, कोल एंड रिन्यूएबल एनर्जी' के उच्च स्तरीय सलाहकार पैनल का मुखिया नियुक्त किया है.

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