
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया. हवाई सर्वे के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मोदी के साथ रहे. पीएम मोदी ने बिहार के लिए 500 करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया है. इससे पहले पीएम मोदी ने पूर्णिया में सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील मोदी और आला अधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए उच्चस्तरीय बैठक भी की. बिहार में बाढ़ की वजह से अब तक 418 लोगों की मौत हो गई है.
हाई लेवल मीटिंग के बाद पीएम मोदी ने बिहार को हर मुमकिन मदद का भरोसा दिलाया है. साथ ही पीएम ने बाढ़ से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए एक केंद्रीय दल भेजने का भी आश्वासन दिया है. उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों की फसल बीमा का तुरंत आंकलन करने के लिए बीमा कम्पनियां अपने पर्यवेक्षक तत्काल प्रभावित क्षेत्रों में भेजें, जिससे किसानों को शीघ्र ही राहत पहुंचाई जा सके.
बाढ़ से प्रभावित सड़कों की मरम्मत के लिए सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को उपयुक्त कार्रवाई करने का भी निर्देश दिए गए हैं. बाढ़ से विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर को जो नुकसान हुआ है उसकी शीघ्र बहाली के लिए भी केन्द्र, राज्य सरकार की हर संभव मदद करेगा. प्रधानमंत्री राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिवार को 2 लाख रुपए एवं गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को 50 हजार रुपए की दर से सहायता भी दी जाएगी.
नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की हाल की भारत यात्रा के दौरान उनमें और प्रधानमंत्री मोदी में इस बात पर सहमती बनी है कि सप्तकोसी हाई डैम परियोजना और सुनकोसी योजना की विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र तैयार की जायेगी. दोनों देश सीमावर्ती इलाकों में जलभराव और बाढ़ नियंत्रण पर भी आपस में समन्वय और मजबूत करेंगे, ताकि इस पूरे क्षेत्र में बाढ़ की समस्या से राहत मिल सके.
गौरतलब है कि भीषण बाढ़ ने राज्य के एक करोड़ से भी ज्यादा लोगों को प्रभावित किया है. बीते सोमवार शाम को दिल्ली के भाजपा कार्यालय में आयोजित मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों की बैठक में सुशील मोदी शामिल हुए थे और उनसे पीएम ने बिहार के बाढ़ बारे में बात की थी. इस बैठक में सुशील मोदी ने बाढ़ राहत में सहायता देने के लिए पीएम को धन्यवाद दिया. पीएम गुजरात और असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुके हैं.